इन कारणों का बाजार पर दिख सकता है असर
एक्सपर्ट्स ने कहा है कि शेयर बाजार की चाल वैश्विक रुझानों, मुद्रास्फीति (Inflation) के आंकड़ों और विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियों से तय होगी. इसके अलावा, मानसून की प्रगति और व्यापार वार्ता से संबंधित घटनाक्रमों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी.
आर्थिक आंकड़ों पर होगी नजर
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा कि कारोबारियों की नजर प्रमुख वृहद आर्थिक आंकड़ों पर होगी. मांग के रुझान और केंद्रीय बैंक के अगले कदमों का अनुमान लगाने के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति पर बारीकी से नजर रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि मानसून की प्रगति और बुवाई के रुझानों का भी बाजार पर असक पड़ सकता है.
भारतीय बाजारों में तेजी की उम्मीद
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के रिसर्च प्रमुख (वेल्थ मैनेजमेंट) सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय बाजारों में धीरे-धीरे तेजी आएगी, जिसे आरबीआई द्वारा उम्मीद से अधिक ब्याज दरों में कटौती और अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर आशावाद से समर्थन मिलेगा. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इस बीच, अमेरिकी शुल्क में अप्रत्याशित बदलाव और मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव सहित वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह से अस्थिरता पैदा हो सकती है.
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Source: CNBC