Nithin Kamath: नितिन कामत ने रिटेल ट्रेडर्स को किया आगाह, कहा-प्रॉफिट के लिए सही रिस्क मैनेजमेंट जरूरी

जीरोधा के को-फाउंडर नितिन कामत ने कहा है कि सिर्फ फ्यूचर का सही अंदाजा लगा लेना काफी नहीं है। अगर आप प्रॉफिट बनाना चाहते हैं तो आपको सही रिस्क मैनेजमेंट भी आना चाहिए। उन्होंने एल्म वेल्थ के ‘क्रिस्टल बॉल चैलेंज’ का उदाहरण दिया है। इसमें अगले दिन का वॉल स्ट्रीट जर्नल हाथ में होने के बावजूद फाइनेंस के 118 स्टूडेंट्स को लॉस उठाना पड़ा। हर छह में से एक स्टूडेंट के पास तो कुछ भी नहीं बचा। इससे यह पता चलता है कि अगर आपको यह पता नहीं है कि दांव किस तरह से लगाना है तो फ्यूचर की जानकारी होने का कोई मतलब नहीं है।

सही प्रीडिक्शन के बाद भी हुआ नुकसान

कामत ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने एल्म वेल्थ के मजेदार एक्सपेरिमेंट के बारे में बताया है। इसमें बताया गया है कि फाइनेंस के 118 स्टूडेंट्स को अगले दिन के वॉल स्ट्रीट जर्नल का फ्रंट पेज न्यूज छपने के 24 घंटे पहले दे दिया गया। यह उम्मीद थी कि सभी स्टूडेंट्स को भारी मुनाफा होगा, लेकिन करीब आधे स्टूडेंट्स को काफी लॉस हुआ, जबकि 16 फीसदी के पास कुछ भी नहीं बचा।

सही प्रीडिक्शन के साथ सही पोजीशन साइज भी जरूरी

कामत ने बताया है कि इसकी वजह यह नहीं है कि स्टूडेंट्स के अनुमान गलत थे। उन्होंने मार्केट की दिशा के बारे में 51.5 फीसदी सही अंदाजा लगाया था। यह सिर्फ संयोग नहीं था। लेकिन, दिक्कत उनकी पोजीशन के साइज में था। कई स्टूडेंट्स ने अपने पोर्टफोलियो में सिंगल ट्रेड में भारी पोजीशन लिए। कुछ ने लेवरेज का 20 गुना तो कुछ ने 60 गुना इस्तेमाल किया। जब उन्होंने सही साइज की पोजीशन ली तो उन्हें फायदा हुआ और जब गलत साइज की पोजीशन ली तो उन्हें लॉस हुआ।

अनुभवी ट्रेडर्स ने अच्छी कमाई की

अनुभवी 5 ट्रेडर्स ने उसी सिमुलेशन का इस्तेमाल किया। उनके पास भी सेम जानकारी थी। लेकिन, उन्हें अलग नतीजे मिले। उन्होंने 130 फीसदी से ज्यादा औसत रिटर्न कमाया। इसकी वजह यह थी कि उन्हें पता था कि रिस्क कितना लेना है। जब स्थितियां अनिश्चित थीं तब उन्होंने साइज के पोजीशन लिए। जब उन्हें लगा कि स्थितियां पूरी तरह से अनुकूल हैं तब उन्होंने बड़े साइज के पोजीशन लिए। इसका मतलब है कि मुनाफा कमाने में पोजीशन की साइज का बड़ा रोल है।

सही रिस्क मैनेजमेंट को समझे बगैर नहीं होगी कमाई

कामत ने अपने पोस्ट में बताया है कि इससे यह सीखने को मिलता है कि भले ही आप फ्यूचर का अनुमान लगा लें, लेकिन अगर आपको सही रिस्क मैनेजमेंट नहीं आता है तो आप प्रॉफिट नहीं बना सकते। इसका मतलब है कि ट्रेडिंग में यह बात बहुत मायने रखती है कि आप किस तरह खुद को गेम में बनाए रखते हैं। कामत ने अंत में कहा है कि ज्यादातर रिटेल इनवेस्टर्स अपने प्रीडिक्शन को लेकर बहुत कॉन्फिडेंट रहते हैं। लेकिन, स्मार्ट मनी तब आती है जब आपको पता है कि स्थिति के अनुसार आपको कितना दांव लगाना है। साथ ही प्रीडिक्शन गलत होने पर आपको खुद को बचाना भी आना चाहिए।

Source: MoneyControl