LIC Big Shopping: जून तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न से खुलासा हुआ कि एलआईसी के पोर्टफोलियो में एक और स्टॉक की एंट्री हुई है। देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी ने डिफेंस इक्विपमेंट बनाने वाली सरकारी कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders) पर दांव लगाया है। मझगांव डॉक के शिपबिल्डर्स के शेयरहोल्डिंग पैटर्न से इसका खुलासा हुआ है। बीएसई पर मौजूद जून तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक एलआईसी के पास अब कंपनी की 3.27% इक्विटी हिस्सेदारी है। इससे पहले एलआईसी का नाम शेयरहोल्डिंग पैटर्न में नहीं दिखता था यानी कि इसके पास या तो मझगांव डॉक के शेयर नहीं थे या 1% से कम होल्डिंग थी।
Mazagon Dock Shipbuilders में अब सरकार की कितनी हिस्सेदारी?
एलआईसी के पास मझगांव डॉक में 3.27% इक्विटी हिस्सेदारी है। वहीं जून तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के हिसाब से सरकार की हिस्सेदारी 84.8% से घटकर 81.2% पर आ गई यानी कि सरकार ने 3.6% हिस्सेदारी हल्की की है। अभी भी सरकार की हिस्सेदारी 75% के मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियम से 6.2% अधिक है यानी कि सरकार को अभी 6.2% इक्विटी होल्डिंग हल्की करनी होगी।
बाकी शेयरहोल्डर्स की बात करें तो म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी 1.34% पर बनी हुई है। वहीं ₹2 लाख तक के निवेश वाले यानी खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी 9.34% पर बनी हुई है लेकिन रिटेल शेयरहोल्डर्स की संख्या 6.58 लाख से बढ़कर 7 लाख पर पहुंच गई। बता दें कि सरकार ने ऑफर फॉर सेल इश्यू जो पेश किया था, उसमें खुदरा निवेशकों की खास दिलचस्पी नहीं दिखी थी। विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 2.26% से हल्की-सी बढ़कर 2.49% पर पहुंच गई।
कैसी रही है शेयरों की चाल?
करीब पांच साल पहले लिस्ट हुए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयरों ने निवेशकों की पूंजी ताबड़तोड़ स्पीड से बढ़ाई है। एक साल में ही बात करें तो 19 फरवरी 2025 को इसके शेयर ₹1917.95 पर थे जो इसके एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है। इस निचले स्तर से यह तीन ही महीने में 96.98% उछलकर 29 मई 2025 को ₹3778.00 पर पहुंच गया जो इसके शेयरों के लिए रिकॉर्ड हाई लेवल है। हालांकि इसके शेयरों की तेजी यहीं थम गई। उठा-पटक के साथ फिलहाल इस हाई से यह 21.07% डाउनसाइड है।
इसके शेयरों की घरेलू स्टॉक मार्केट में 12 अक्टूबर 2020 को एंट्री हुई थी। इसके पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल ₹443.69 करोड़ के आईपीओ के तहत आईपीओ निवेशकों को ₹145 के भाव पर शेयर जारी हुए थे। अब फिलहाल यह ₹2981.85 के भाव पर जो 18 जुलाई पर बीएसई पर इसका क्लोजिंग प्राइस है यानी कि आईपीओ निवेशकों की पूंजी पांच साल से भी कम समय में 1956.45% बढ़ चुकी है यानी कि पांच साल में निवेश 20 गुना से अधिक बढ़ चुका है। अब आगे की बात करें तो इंडमनी पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक इसे कवर करने वाले 5 एनालिस्ट्स में से 1 इसे खरीदारी और 4 ने सेल रेटिंग दी है। इसका हाइएस्ट टारगेट प्राइस ₹3858 और लोएस्ट टारगेट प्राइस ₹2100 है।
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Source: MoneyControl