सरकारी कंपनी एनएलसी इंडिया लिमिटेड की रिन्यूएबल एनर्जी यूनिट NIRL आने वाले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में शेयर बाजार में लिस्ट हो सकती है। कंपनी का प्लान है कि इस IPO से लगभग ₹4,000 करोड़ जुटाए जाएं ताकि अपने एक्सपेंशन प्लान को पूरा किया जा सके।
2030 तक 10 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी का लक्ष्य
कंपनी के चेयरमैन और एमडी प्रसन्ना कुमार मोटुपल्ली ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि अभी कंपनी के पास 1.4 गीगावाट की ग्रीन एनर्जी क्षमता है, जिसे 2030 तक 10 गीगावाट करने का टारगेट है। यही वजह है कि कंपनी ने IPO लाने का फैसला किया है।
SEBI के पास 2026 की पहली तिमाही में जमा होंगे डॉक्युमेंट
कंपनी मार्च 2026 तक सभी जरूरी कागजी जांचें (ड्यू डिलिजेंस) पूरी कर लेगी और फिर 2026-27 की पहली तिमाही में सेबी (SEBI) को दस्तावेज भेजेगी।
60,000 करोड़ के निवेश की तैयारी
NLC इंडिया अगले कुछ सालों में ₹50,000 से ₹60,000 करोड़ का निवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी का कहना है कि इसमें इक्विटी का हिस्सा अपने इंटरनल सोर्सेज से मैनेज किया जाएगा, बाकी रकम लोन के जरिए जुटाई जाएगी।
CCEA से मिली बड़ी छूट
16 जुलाई को, कैबिनेट की इकनॉमिक अफेयर्स कमेटी (CCEA) ने NLC इंडिया को सरकारी निवेश नियमों से छूट दी है। इससे अब कंपनी अपनी सब्सिडियरी NIRL में ₹7,000 करोड़ तक का निवेश कर सकती है, बिना किसी सरकारी अप्रूवल के।
फिलहाल NLC इंडिया के पास 2 GW की सात रिन्यूएबल एनर्जी प्रॉपर्टी हैं जो या तो ऑपरेशनल हैं या लॉन्च के बेहद करीब हैं। कंपनी की टोटल पावर कैपेसिटी 6 GW है, जिसमें से 4.6 GW थर्मल एनर्जी है।
2047 तक 32 गीगावाट हरित ऊर्जा क्षमता बनाने का प्लान
कंपनी का अगला बड़ा लक्ष्य है कि 2047 तक 32 गीगावाट ग्रीन एनर्जी क्षमता तैयार की जाए। ये कदम देश को सस्टेनेबल एनर्जी फ्यूचर की ओर ले जाने में मदद करेगा। गौरतलब है कि कोयला मंत्रालय के अधीन एनएलसी इंडिया खनन और बिजली उत्पादन के कारोबार में है।
डिस्क्लेमर: ऊपर दिए गए विचार और सिफारिशें स्वतंत्र विश्लेषकों, विशेषज्ञों और ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, न कि मिंट के। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश निर्णय से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें।
Source: Mint