IPO बाजार ने साल 2025 की पहली छमाही में जबरदस्त कमाई की है। साल 2025 की पहली छमाही में कंपनियों ने आईपीओ (IPO) के जरिए कुल 45,350 करोड़ रुपए जुटाए हैं। ये आंकड़ा पिछले साल की तुलना में करीब 45 फीसदी ज्यादा है, जबकि इस दौरान दुनिया भर में ट्रेड को लेकर तनाव, जियोपॉलिटिकल टेंशन और इकॉनमी को लेकर अनिश्चितता बनी रही।
जनवरी से जून के बीच सिर्फ 24 कंपनियां लेकर आईं IPO
हालांकि, इस बार आईपीओ की संख्या में गिरावट देखी गई है। इस साल जनवरी से जून के बीच सिर्फ 24 कंपनियां IPO लेकर आईं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 36 कंपनियों ने IPO निकाला था। यानी इस बार औसतन हर IPO का साइज बड़ा रहा।
आगे आने वाले महीनों में कैसा रहेगा IPO मार्केट?
आगे आने वाले महीनों में भी IPO मार्केट को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि माहौल पॉजिटिव बना रह सकता है। घरेलू निवेशकों की अच्छी भागीदारी, बाजार में पॉजिटिव सेंटिमेंट और ग्रोथ की अच्छी उम्मीद की वजह से सेकंड हाफ में भी अच्छी एक्टिविटी जारी रह सकती है।
मार्केट में काम कर रहे मर्चेंट बैंकरों के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी-जून 2025 के बीच 24 कंपनियों ने मिलकर 45,351 करोड़ रुपए जुटाए। जबकि पिछले साल इसी दौरान 36 कंपनियों ने 31,281 करोड़ रुपए जुटाए थे।
पहली छमाही में कैसा रहा मार्केट का मूड?
JM Financial की मैनेजिंग डायरेक्टर और इक्विटी कैपिटल मार्केट्स हेड नेहा अग्रवाल का कहना है, ‘पहली छमाही में मार्केट का मूड थोड़ा दबा-दबा रहा, वजह ग्लोबल ट्रेड टेंशन, जियोपॉलिटिकल अनिश्चितता और मैक्रो इकोनॉमिक चुनौतियां थीं। फिर भी कंपनियों ने 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की फंडिंग IPO से हासिल कर ली, ये बड़ी बात है।’
बड़ी संख्या में कंपनियों ने सेबी के पास ड्राफ्ट किए पेपर्स फाइल
इस बार IPO मार्केट में एक और खास बात ये रही कि बड़ी संख्या में कंपनियों ने सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर्स फाइल किए हैं। 2024 के मुकाबले इस बार ज्यादा कंपनियां IPO लाने की तैयारी में दिख रही हैं। जनवरी-जून 2024 में जहां सिर्फ 52 कंपनियों ने पेपर फाइल किए थे, वहीं इस साल ये संख्या 118 तक पहुंच गई।
JM Financial ने IPO सेगमेंट में सबसे आगे रहकर टॉप किया है। फर्म ने Q1FY26 में 10 IPO मैनेज किए, जिनके जरिए कुल 26,838 करोड़ रुपए जुटाए गए।
जनवरी-जून 2025 के बीच आए 24 मेनबोर्ड IPO
जनवरी-जून 2025 के बीच जो 24 मेनबोर्ड IPO आए, उनमें से 67% लिस्टिंग के दिन प्रीमियम पर बंद हुए। कुल मिलाकर निवेशकों को इन IPO से औसतन 25% का रिटर्न मिला।
इस दौरान जो बड़े IPO आए, उनमें HDB फाइनेंशियल सर्विसेज (12,500 करोड़ रुपए), हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज (8,750 करोड़), श्लॉस बेंगलुरु (3,500 करोड़) और एथर एनर्जी (2,981 करोड़ रुपए) शामिल रहे।
ज्यादातर IPO में फ्रेश इक्विटी के साथ-साथ पुराने शेयरधारकों ने अपनी हिस्सेदारी भी बेची। जो पैसा जुटा, उसका इस्तेमाल कंपनियों ने बिजनेस एक्सपैंशन, कर्ज चुकाने और वर्किंग कैपिटल जरूरतें पूरी करने में किया।
IPO लाने वाली कंपनियों में किसका बोलबाला?
IPO लाने वाली कंपनियों में मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी इंडस्ट्रियों का बोलबाला रहा, जिससे पता चलता है कि निवेशकों की दिलचस्पी अब भी कोर सेक्टर्स में बनी हुई है।
जुलाई में भी कम से कम चार नए IPO आ चुके हैं और पांच से ज्यादा पाइपलाइन में हैं। यानी बाजार में हलचल जारी है।
साल 2025 की दूसरी छमाही में कैसे रहेंगे हालात?
Choice Capital Advisors के CEO रति राज तिबरेवाल का कहना है कि साल की दूसरी छमाही में हालात बेहतर हो सकते हैं। ग्लोबल और डोमेस्टिक लेवल पर महंगाई, ब्याज दरें और करंसी वॉलेटिलिटी जैसी परेशानियां कुछ हद तक कम होंगी, जिससे बाजार को सपोर्ट मिलेगा।
इस बार वैल्यूएशन थोड़ा प्रीमियम पर
Geojit Financial Services के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि सेकंड हाफ में इकॉनमी में सुधार IPO मार्केट के लिए अच्छा संकेत हो सकता है। हालांकि उन्होंने ये भी चेताया कि इस बार वैल्यूएशन थोड़ा प्रीमियम पर है और अगर विदेशी या रिटेल निवेशकों की भागीदारी कम रही, तो ग्रोथ पर असर पड़ सकता है, खासकर तब, जब H2CY24 में पहले से ही 1.3 लाख करोड़ रुपए की बड़ी फंडिंग हो चुकी हो।
उन्होंने ये भी कहा कि Q1FY26 और Q2FY26 में अगर कंपनियों के मुनाफे बढ़े और अमेरिका के साथ ट्रेड डील में प्रगति हुई, तो इसका पॉजिटिव असर दूसरी छमाही के IPO ट्रेंड पर साफ दिखेगा।
(डिस्क्लेमर: ऊपर दिए गए विचार और सिफारिशें स्वतंत्र विश्लेषकों, विशेषज्ञों और ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, न कि मिंट के। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश निर्णय से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें।)
Source: Mint