लगातार तीन हफ्ते की गिरावट के बाद अब सबकी नजर इस बात पर है कि बाजार का मूड आखिर बदलेगा या नहीं। आने वाला हफ्ता शेयर बाजार के लिए काफी अहम रहने वाला है। वजह है- भारत में कई बड़ी कंपनियों के तिमाही रिजल्ट आने वाले हैं, और अमेरिका में स्टेबलकॉइन को लेकर नया कानून लागू हुआ है। इन दोनों वजहों से बाजार ऊपर या नीचे जा सकता है।
अमेरिका के नए स्टेबलकॉइन कानून का असर
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को गाइडिंग एंड इस्टेब्लिशिंग नेशनल इनोवेशन फॉर यू.एस. स्टेबलकॉइन्स’ (GENIUS एक्ट) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस नए कानून के मुताबिक, स्टेबलकॉइन जारी करने वाली कंपनियों को अब 100% रिजर्व रखना पड़ेगा। इसका असर ये होगा कि डॉलर और अमेरिका के ट्रेजरी बॉन्ड की मांग बढ़ेगी, और विदेशी निवेशक शायद भारतीय बाजार से पैसा निकाल लें।
भारत में तिमाही नतीजे होंगे फोकस में
इस हफ्ते भारत की कुछ बड़ी कंपनियां अपने तिमाही नतीजे पेश करेंगी। 21 जुलाई को इटरनल, 23 जुलाई को इंफोसिस और 25 जुलाई को बजाज फाइनेंशियल सर्विसेज। इसके अलावा IDBI, यूको बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे कई बैंकों के रिजल्ट भी आने हैं। इन कंपनियों के प्रदर्शन पर निवेशकों की नजर रहेगी।
सोमवार को आठ अहम इंडस्ट्री से जुड़े आंकड़े भी जारी होंगे। इससे बाजार को आगे की दिशा मिल सकती है।
टैरिफ डील को लेकर निवेशकों में सतर्कता
अमेरिका का एक और मुद्दा है नया टैरिफ समझौता। अभी तक इस पर आखिरी फैसला नहीं हुआ है। जब तक ये साफ नहीं होता, तब तक निवेशक थोड़ा संभलकर ही कदम उठाएंगे।
बीते हफ्ते कैसा रहा बाजार का हाल?
पिछले हफ्ते, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट दर्ज हुई। सेंसेक्स करीब 0.90% गिरकर 81,757.73 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 0.72% टूटकर 24,968.40 तक आ गया था। ये दोनों अब पिछले एक महीने के सबसे निचले स्तर पर हैं। लेकिन इसी दौरान, मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के शेयरों में बढ़त देखने को मिली। निफ्टी मिडकैप-50 करीब 0.99% चढ़कर 16,645.40 पर रहा। निफ्टी स्मॉलकैप-100 भी 1.04% की बढ़त के साथ 18,959.65 पर बंद हुआ था।
Source: Mint