Market Views: कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन बाजार में काफी दबाव रहा। सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 502 प्वाइंट गिरा तो वहीं निफ्टी 143 प्वाइंट फिसला। बैंक निफ्टी में भी 546 प्वाइंट की गिरावट दर्ज की गई। कारोबार के दौरान बैंकिंग, PSE, फार्मा शेयरों में दबाव दिखा। जबकि मेटल इंडेक्स हल्की बढ़त पर बंद हुआ। ऐसे में Canara Robeco MF के हेड इक्विटीस श्रीदत्त भंडवालदार (Shridatta Bhandwaldar) ने कहा कि अभी बाजार में उतार-चढ़ाव है। मौजूदा बाजार में घबराने जैसी स्थिति नहीं है। मिड, स्मॉलकैप में बिकवाली देखी गई है। कॉर्पोरेट अर्निंग्स महत्वपूर्ण फैक्टर है। पिछले साल लार्जकैप ग्रोथ 5-6% रही थी। चुनावों के समय सरकारी खर्च में कमी आई थी। सरकारी खर्च में अब दोबारा ग्रोथ आ गई है। इंटरेस्ट रेट कट, क्रेडिट ग्रोथ से सुधार संभव है।
उन्होंने आगे कहा कि टैरिफ, ग्लोबल अनिश्चितता बनी हुई है। 15-30% के बीच टैरिफ सेट होने की उम्मीद है। मिड, स्मॉलकैप इंडेक्स फॉरवर्ड अर्निंग्स पर ट्रेड पर कामकाज कर रहा। ब्रॉडर मार्केट 20-25% महंगा हो चुका है। लार्जकैप अभी 5-7% महंगे हो चुके हैं। अगले कुछ समय में रिटर्न्स थोड़े कम हो सकते हैं। सतर्कता से निवेश करें, क्योंकि वैल्यूएशन हाई हैं। पिछले डेढ़ साल में ज्यादा लिक्विडिटी से वैल्यूएशन बढ़े। अर्निंग्स में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है । ड्रामेटिक ग्रोथ नहीं, लेकिन धीरे-धीरे अर्निंग्स में सुधार देखने को मिल सकता है।
अर्निंग्स पर आउटलुक देते हुए उन्होंने कहा कि अर्निंग सीजन को लेकर ज्यादा उम्मीद नहीं है। IT सेक्टर के रिजल्ट ने निराश किया। होटल सेक्टर में अच्छे रिजल्ट देखने को मिले। कैपिटल मार्केट सेक्टर्स में अच्छे रिजल्ट रहे। MNC और AMC कंपनियों में भी स्थिरता, ग्रोथ है। ज्यादातर सेक्टर्स में सिंगल डिजिट अर्निंग की उम्मीद है।
Canara Rob Large & Midcap Fund पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि फंड ने पिछले 3-5 सालों में 20% से भी ज्यादा रिटर्न्स दिए हैं। 10 सालों में फंड ने 15-16% तक का CAGR रिटर्न दिया। फंड से पोर्टफोलियो को डायवर्सिफिकेशन मिलता है। लॉन्ग टर्म में बेहतर वेल्थ क्रिएशन देखने को मिला। फंड को कम से कम 35% लार्जकैप में एक्सपोजर है। कम से कम 35% मिडकैप में एक्सपोजर होना चाहिए। अभी 40% मिड, 35% लार्ज, 10% स्मॉलकैप में है। फंड में 4-4.5% कैश रखा गया है । अच्छी अर्निंग ग्रोथ वाली कंपनियों पर नजर है। बिजनेस, कैपिटल एफिशिएंसी पर फोकस है। फंड में ग्रोथ के आधार पर स्टॉक्स का सेलेक्शन होता है।
किन सेक्टर्स में ओवरवेट? इस सवाल का जवाब देते हुए कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी में ओवरवेट रेटिंग का नजरिया। होटल, रिटेल, ज्वेलरी रिटेल स्पेस में एक्सपोजर है। ऑटो एंसीलरी स्पेस में निवेश बढ़ाया ।इंडस्ट्रियल्स, फार्मा , एविएशन स्पेस और डिफेंस सेक्टर ओवरवेट नजरिया है।
वहीं FMCG सेक्टर, कमोडिटी सेक्टर, एनर्जी सेक्टर और IT सेक्टर में अंडरवेट नजरिया है।
कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी पर सबसे ज्यादा भरोसा बढ़ा है। नया खर्च करने का तरीका उभर रहा है। लोग ब्रांडेड चीजों पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि होटल्स, हॉस्पिटल्स, एविएशन, SUV मैन्युफैक्चरिंग, स्पेशलाइज्ड टू-व्हीलर कंपनियां में निवेशित है। प्रीमियम ऑटोमोबाइल सेक्टर, रिटेल अपैरल ब्रांड, ज्वेलरी रिटेलर्स , प्लैटफॉर्म कंपनियां – ऑनलाइन शॉपिंग, रिटेल मॉडल्स में निवेश किया है।
फाइनेंशियल सेक्टर में अंडरवेट नजरिया है। सिर्फ कुछ स्पेसिफिक लार्ज, मिडकैप बैंक में निवेश किया है। NBFCs और कैपिटल मार्केट में ज्यादा निवेश है। AMCs, RTAs स्पेस में एक्सपोजर लिया है।
IT सेक्टर पर राय देते हुए उन्होंने कहा कि IT सेक्टर में अंडरवेट नजरिया है। अभी टेक सेक्टर में कम निवेश है। केवल कुछ हाई ग्रोथ कंपनियों में निवेश किया है। ER&D कंपनियों में निवेश किया है। लार्जकैप IT कंपनियों में अंडरवेट पोजिशन है क्योंकि लार्जकैप IT में ग्रोथ और अर्निंग्स पर अस्पष्टता नहीं है।
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Source: MoneyControl