तिमाही के नतीजे
कंपनी ने गुरुवार को बताया कि उसके कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में 50 प्रतिशत की सालाना आधार पर बढ़ोतरी हुई है. कंपनी ने जून तिमाही में 592 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 396 करोड़ रुपये था.
कंपनी ने ऑपरेशन से मिले रेवेन्यू में भी शानदार बढ़ोतरी हासिल की है. कंपनी का रेवेन्यू इस तिमाही में 26 प्रतिशत बढ़कर 5,096 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 4,698 करोड़ रुपये था.
हालांकि क्रमिक आधार पर बात करें तो पिछली तिमाही (जनवरी से मार्च 2025) की तुलना में कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) 19% कम हो गया. यह 727 करोड़ रुपये से घटकर कम हो गया. साथ ही, कंपनी का रेवेन्यू (कुल आय) भी इसी अवधि के 6,986 करोड़ रुपये से 15% कम हो गया.
अप्रैल-जून 2025 तिमाही में वायर बनाने वाली कंपनी पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में अधिक फायदे में रही. इसका प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) मार्जिन 170 बेसिस प्वॉइंट्स बढ़कर 10.2% हो गया, और इसका EBITDA मार्जिन 210 बेसिस प्वॉइंट्स बढ़कर 14.5% हो गया. यह सुधार मुख्य रूप से स्ट्रैटेजिक प्राइसिंग, संचालन में बेहतर दक्षता और प्रोडक्ट या सर्विस के बेहतर मिश्रण के कारण हुआ.
पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में वायर एंड केबल सेगमेंट में 31% की वृद्धि हुई. यह वृद्धि इसलिए हुई क्योंकि प्रमुख बिजनेस में माँग मज़बूत थी, सरकार ने प्रोजेक्ट पर अधिक धन खर्च किया, प्रोजेक्ट पर काम तेज़ी से या अधिक कुशलता से किया गया, और कच्चे माल (वस्तुओं) की कीमतों में वृद्धि हुई.
पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में भारत में कंपनी का कारोबार 32% बढ़ा, और इसमें भी केबल की बिक्री तार की बिक्री से ज़्यादा तेज़ी से बढ़ी. इसके इंटरनेशनल बिजनेस ने भी अच्छा प्रदर्शन किया, जो साल-दर-साल 24% की दर से बढ़ा और कंपनी के कुल रेवेन्यू का 5.2% रहा.
शेयर परफॉरमेंस
पिछले एक साल में इस स्टॉक ने 6 प्रतिशत की तेज़ी दिखाई है. वहीं पिछले 5 साल में इस स्टॉक ने 745 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. स्टॉक का 52 वीक हाई लेवल 7,605 रुपये का है, तो स्टॉक का 52 वीक लो लेवल 4,555 रुपये का है. इसका मतलब यह है कि स्टॉक अपने लो लेवल से 52.55 प्रतिशत की तेज़ी दिखा चुका है.
Source: Economic Times