बाजार का हाल: ऊपरी स्तरों पर बंद लेकिन सीमित दायरा-Dow Jones और S&P 500 दिन के उच्चतम स्तर पर बंद हुए.NASDAQ ने रिकॉर्ड क्लोजिंग हाई बनाया.लेकिन ट्रेडिंग रेंज बेहद सीमित रही — निवेशकों की निगाहें आज आने वाले CPI डेटा पर टिकी हैं.Fed प्रमुख जेरोम पॉवेल पहले ही कह चुके हैं कि जून और जुलाई के आंकड़े ही तय करेंगे कि ब्याज दरें घटेंगी या नहीं.
महंगाई क्यों बढ़ सकती है?
New York Fed के सर्वे में 75% कंपनियों ने माना कि टैरिफ के कारण कीमतें बढ़ाई जा रही हैं.Toyota ने जून में दाम बढ़ाने की योजना बनाई थी, Nike भी जल्द कीमतें बढ़ा सकती है.सर्विस सेक्टर महंगाई (होटल, फ्लाइट) भी दबाव बढ़ा रही है.
ट्रंप की रूस को धमकी: टैरिफ की नई तलवार
ट्रंप ने कहा — अगर 50 दिनों में रूस-यूक्रेन युद्ध नहीं रुका, तो रूस पर 100% टैरिफ लगेगा.यह secondary tariffs होंगे — यानी जो देश रूस से व्यापार करते हैं (जैसे भारत और चीन) उनके ऊपर भी असर पड़ सकता है.ट्रंप ने यह भी कहा कि Patriot मिसाइल सिस्टम यूक्रेन भेजा जाएगा, और NATO देश इसकी कीमत चुकाएंगे.
तेल की कीमतें $70 से नीचे आईं, क्योंकि ट्रंप ने 50 दिनों की मोहलत दे दी है.
आंकड़ा मई का डेटा जून का अनुमान
CPI (MoM) +0.1% +0.3%
Core CPI (MoM) +0.1% +0.3%
CPI (YoY) +2.4% +2.6%
Core CPI (YoY) +2.8% +2.9%
Matt Whitaker (US Ambassador to NATO):-भारत जैसे देश जो रूस से सस्ता तेल खरीदते हैं, उन पर टैरिफ का असर ज़रूर पड़ेगा.
अब टमाटर पर टैक्स! ट्रंप की नई टैरिफ लड़ाई मेक्सिको के साथ-अमेरिका मेक्सिको से आने वाले टमाटरों पर 17% टैरिफ लगाएगा.अमेरिका ने 1996 से चल रही Tomato Suspension Agreement से खुद को हटा लिया है.Arizona State University का अनुमान: इससे टमाटर की कीमतें 10% तक बढ़ेंगी डिमांड 5% तक घटेगी.
ऑरेंज जूस, ड्रोन और कॉफी पर भी टैरिफ तनाव
ब्राजील से आने वाला ऑरेंज जूस अब 50% टैरिफ की दहशत में है.अमेरिका चाहता है कि ब्राजील टैरिफ घटाकर 30% करे, और कुछ उत्पादों पर एक्सपोर्ट कोटा तय हो.ड्रोन और उससे जुड़ी सामग्री पर जांच शुरू — चीन पर नजर.पोलिसिलिकॉन और उससे बने उत्पादों की भी अलग जांच चल रही है.
आज इन कंपनियों के नतीजे आएंगे — बैंकिंग सेक्टर रहेगा फोकस में
JPMorgan Chase
Wells Fargo
BlackRock
Citigroup
BNY Mellon
State Street Corporation
कुल मिलाकर-बाजार फिलहाल ‘Calm Before the Storm’ की स्थिति में है.CPI डेटा, ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी, और कमाई के नतीजे तीनों मिलकर अगले 24–48 घंटे में ग्लोबल बाजारों की दिशा तय करेंगे.भारत जैसे देशों को भी सतर्क रहना होगा, क्योंकि ट्रंप की टैरिफ धमकी का असर केवल रूस तक सीमित नहीं है.
Source: CNBC