वीआईपी की ओनरशिप में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। कंपनी ने इस बारे में स्टॉक एक्सचेंजों को बता दिया है। कई इनवेस्टमेंट कंपनियां वीआईपी के प्रमोटर्स से करीब 32 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी हैं। इसके बाद उन्हें ओपन ऑफर लाना होगा। यह डील प्रति शेयर 388 रुपये के भाव पर हुई है। यह कीमत 11 जुलाई को वीआईपी के शेयर की बंद कीमत से 15 फीसदी कम है। इस खबर से 14 जुलाई को वीआईपी के शेयरों में बड़ा उछाल देखने को मिला। दिन में करीब 3 बजे कंपनी के शेयर की कीमत 5.23 फीसदी चढ़कर 480.75 रुपये चल रही थी।
वैल्यूएशन सफारी के मुकाबले कम
अभी VIP के शेयरों में FY27 की अनुमानित कमाई के 38 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। यह Safari की 42.1 वैल्यूएशन से कम है। यह डील वीआईपी के 5,509 करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन पर हुई है। यह सफारी के मार्केट कैपिटलाइजेशन से 48 फीसदी कम है। हालांकि, वीआईपी इंडिया में तेजी से बढ़ते लगेज मार्केट की लीडर है। लेकिन, यह सच है कि पिछले कुछ सालों में वीआईपी का प्रदर्शन कमजोर रहा है। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी में भी कमी आई है।
कंपनी के अच्छे दिन लौट सकते हैं
जिन कंपनियों ने वीआईपी इंडस्ट्रीज में प्रमोटर्स से 32 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी हैं उनमें Multiples Private Equity Fund IV, Multiples Private Equity Gift Fund IV, Samvibhag Securities, Mithun Sancheti और Siddhartha Sancheti शामिल हैं। नए इनवेस्टर्स को ओपन ऑफर सफल रहने की उम्मीद है। इसकी बड़ी वजह यह है कि कंपनी में संस्थागत निवेशकों की ज्यादा हिस्सेदारी नहीं है।
कंपनी ने कर्ज में कमी की है
दिलीप पिरामल और फैमिली की हिस्सेदारी 19.57 फीसदी है। उम्मीद है कि अब कंपनी के प्रदर्शन में सुधार आएगा। FY25 में वीआईपी की वॉल्यूम ग्रोथ 11 फीसदी रही। हालांकि, रेवेन्यू में 3 फीसदी गिरावट आई। रियलाइजेशन कम रहने से ग्रॉस मार्जिन में कमी आई। कंपनी ने FY25 में मार्जिन डबल डिजिट में रहने का अनुमान जताया था। ऐसा लगता है कि कंपनी के बुरे दिन खत्म हो चुके हैं। कंपनी ने FY25 में अपनी इनवेंट्री और कर्ज क्रमश: 218 करोड़ रुपये और 118 रुपये तक कम किया है।
क्या ओपन ऑफर में इनवेस्ट करना चाहिए?
अर्निंग्स के लिहाज से देखा जाए तो सफारी ज्यादा अट्रैक्टिव दिखती है। बीते कुछ सालों में उसका एग्जिक्यूशन वीआईपी से अच्छा रहा है। ऐसे में वीआईपी के शेयर की कीमत जब तक अट्रैक्टिव लेवल तक नहीं पहुंच जाती, मौजूदा इनवेस्टर्स इस ओपन ऑफर से दूरी बना सकते हैं। नए निवेशक शेयरों में गिरावट आने पर इनवेस्ट कर सकते हैं। बीते एक साल में वीआईपी के शेयरों ने कोई रिटर्न नहीं दिया है।
Source: MoneyControl