बातचीत की 10 अहम बातें:
(1) VIP हमेशा लीडर रहा है – लेकिन वक्त बदल गया है. दिलीप पिरामल ने कहा कि VIP इंडस्ट्री में हमेशा मार्केट लीडर रहा है. “No. 2 खिलाड़ी Samsonite के मुकाबले 10% भी नहीं है.
(2) मैनेजमेंट क्राइसिस पिछले कुछ सालों से चल रही थी. उन्होंने माना कि कुछ सालों से मैनेजमेंट में परेशानी थी.युवा पीढ़ी कंपनी मैनेजमेंट में दिलचस्पी नहीं ले रही थी.
(3) प्रोफेशनल मैनेजमेंट भी असरदार साबित नहीं हो सका-“1984 से कंपनी में प्रोफेशनल मैनेजिंग डायरेक्टर रहा है, लेकिन अब वह असर नहीं दिखा पा रहे थे.इसलिए मालिकाना हक और मैनेजमेंट दोनों में बदलाव जरूरी था
(4) मुझे लगने लगा कि कंपनी को नीचे की तरफ खींचने वाली ताकतें काम कर रही हैं.PE फर्म को लाने का फैसला पूरी तरह रणनीतिक था.
(5) PE प्लेयर वैल्यू क्रिएशन में माहिर होते हैं – यही वजह है कि हमने उन्हीं को चुना. मैंने 20% हिस्सेदारी रखी है, लेकिन बोर्ड का हिस्सा नहीं रहूंगा.
(6) मुझे चेयरमैन एमेरिटस का ऑफर मिला है, लेकिन मैं सक्रिय भूमिका में नहीं रहूंगा.पिरामल परिवार की ओर से मेरी पत्नी बोर्ड में होंगी
(7) मुझे एक डायरेक्टर नियुक्त करने का हक है, और मैं संभवतः अपनी पत्नी को नामित करूंगा.कंपनी की कमान अब पूरी तरह PE मैनेजमेंट के पास होगी.
(8) वे प्रोफेशनल ढंग से कंपनी चलाएंगे और नई दिशा देंगे. कंपनी को फिर से ऊंचाई तक पहुंचाने का वक्त आ गया है.
(9) VIP को उसकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए एक नए जोश और सोच की जरूरत है. मार्केट में बदलाव – अब हार्ड लगेज की डिमांड बढ़ रही है.
(10) पहले सॉफ्ट लगेज चलता था, अब ट्रेंड हार्ड लगेज की ओर शिफ्ट हो चुका है.
मैं अभी प्रमोटर बना रहूंगा, लेकिन 5 साल में हिस्सेदारी घटाकर 8% तक करनी होगी.VIP Industries के चेयरमैन का यह बयान साफ दर्शाता है कि कंपनी में बड़ा बदलाव हो रहा है — न सिर्फ मालिकाना हक में, बल्कि मैनेजमेंट की सोच और दिशा में भी. PE फर्म अब कंपनी की कमान संभालेगी, और पिरामल परिवार बैकसीट पर रहेगा.
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Source: CNBC