Jane Street मामले के बाद निवेशकों को भारी नुकसान, 1.4 लाख करोड़ डूबे

Jane Street News: शेयर बाजार में पिछले एक महीने से भारी उथल-पुथल मची हुई है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के शेयरधारकों को 1.4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। इस नुकसान की मुख्य वजह अमेरिकन ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट की ओर से डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग में गलत तरीके से मुनाफा बनाने के बाद सेबी की सख्ती है। जेन स्ट्रीट का मामला सामने आने के बाद मार्केट में सेलिंग प्रेसर हावी है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के शेयर 20 प्रतिशत की भारी गिरावट के करीब पहुंच चुके हैं, जबकि BSE के शेयर में मंदी का महौल बना हुआ है।

SEBI के आदेश के बाद मार्केट में बिकवाली हावी

दरअसल, मार्केट रेगुलेटरी SEBI ने 3 जुलाई को एक आदेश जारी किया था, जिसमें जेन स्ट्रीट को भारतीय शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया। SEBI ने आरोप लगाया कि अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी ने निफ्टी बैंक में हेरफेर करने के लिए जानबूझकर गलत तरीके से मुनाफा कमाने की योजना बनाई थी। सेबी ने प्रतिबंध के साथ ही 4,840 करोड़ रुपये की संपत्ति को फ्रीज कर दिया। यह खबर सामने आने के बाद बाजार में हड़कंप मच गया। डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग में भारी गिरावट आई और ब्रोकरेज हाउसों ने जल्दबाजी में एक्सचेंज स्टॉक्स को डाउनग्रेड करना शुरू कर दिया।

BSE और NSE के शेयरों को भारी नुकसान

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, BSE के शेयर 10 जून को 3,030 रुपये के हाई लेवल पर थे, लेकिन अब इनमें 22 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। ये 2,376 रुपये के लेवल पर आ चुके हैं। इस गिरावट ने BSE की मार्केट वैल्यू में 26,600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दूसरी ओर, NSE के शेयर 21 जून को अपने हाई लेवल 2,590 रुपये पर थे। अब ये 18% लुढ़ककर 2,125 रुपये पर आ गए हैं। WWIPL के डेटा के अनुसार, NSE को 1.15 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। WWIPL अनलिस्टेड शेयरों में डील करता है और इसके डेटा से इस नुकसान की गंभीरता साफ झलकती है।

डिस्क्लेमर: ऊपर दिए गए विचार और सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, न कि मिंट के। निवेशकों को कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

Source: Mint