जून में इक्विटी एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 4.3% बढ़कर 36.6 लाख करोड़ रुपये हो गया. निफ्टी में 3.1% की तेजी और इक्विटी में निवेश बढ़कर 246 अरब रुपये (मई में 201 अरब रुपये) होने से यह ग्रोथ देखने को मिली है. SIP के जरिए निवेश भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, जो रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है.
प्राइवेट बैंक और टेक्नोलॉजी में कमी
प्राइवेट बैंकों का हिस्सा, जो म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा सेक्टर है, मई के 18.4% से घटकर जून में 17.9% हो गया. अप्रैल में यह 18.9% था. BSE 200 इंडेक्स में इस सेक्टर का वजन 20.8% है, जिसके मुकाबले म्यूचुअल फंड का निवेश अब कम है. टेक्नोलॉजी सेक्टर का हिस्सा भी एक साल के निचले स्तर 8.1% पर पहुंच गया, जो मई में 8.3% था और BSE 200 के 9.3% से कम है.
NBFC और रिटेल में बढ़ा निवेश
उपभोग से जुड़े सेक्टर्स में निवेश बढ़ा है. NBFC का हिस्सा 5.3% से बढ़कर 5.6%, रिटेल का 2.6% से 2.9%, और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का 2.1% से 2.5% हो गया. हेल्थकेयर में 7.4% और टेलीकॉम में 3.5% (59 महीने का उच्च स्तर) की बढ़ोतरी हुई.
किन शेयरों में क्या हुआ?
म्यूचुअल फंड ने निफ्टी 50 के 48%, निफ्टी मिडकैप 100 के 56%, और निफ्टी स्मॉलकैप 100 के 65% शेयरों में खरीदारी की. निफ्टी 50 में Bharti Airtel, Asian Paints, Reliance Industries, और HDFC Bank में निवेश बढ़ाया है. जबकि, Infosys और HCL Technologies में बिकवाली हुई.
मिडकैप 100 में Vishal Mega Mart, REC, Jindal Stainless और APL Apollo में निवेश बढ़ाया है. लेकिन, Trent और Persistent Syste,s में कमी आई. स्मॉलकैप 100 में Linde India, Balrampur Chini, Lux Industries, KSB और Bank of Maharashtra में निवेश बढ़ा. जबकि, Nazara Technologies, Dalmia Bharat Sugar और Tejas Networks में कमी आई.
सेक्टर्स की स्थिति
BSE 200 की तुलना में हेल्थकेयर (16 फंड), कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (12 फंड), केमिकल्स (11 फंड), कैपिटल गुड्स (9 फंड), और रिटेल (8 फंड) में 1% से ज्यादा निवेश है. वहीं, कंज्यूमर (18 फंड), तेल और गैस (17 फंड), प्राइवेट बैंक (16 फंड), टेक्नोलॉजी (13 फंड), और यूटिलिटीज (11 फंड) में 1% से कम निवेश है.
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Source: CNBC