Share Market Fall: शेयर बाजार में इन 5 कारणों से तेज गिरावट, सेंसेक्स 650 अंक टूटा, निफ्टी 25,200 के नीचे

Share Market Falls: भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार 13 जुलाई को तेज गिरावट देखने को मिली। कारोबार के दौरान बीएसई सेंसेक्स 664.73 अंक या 0.8 फीसदी गिरकर 82,525.55 के स्तर पर आ गया। वहीं निफ्टी 195 अंक या 0.77 फीसदी लुढ़ककर 25,160.25 के स्तर पर आ गया। यह लगातार तीसरा दिन है, जब सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। निफ्टी पर टीसीएस, विप्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और अपोलो हॉस्पिटल जैसे शेयरों में 2.5 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली। शेयर बाजार में आज की इस गिरावट के पीछे 5 बड़े कारण रहे।

शेयर बाजार में आज की इस गिरावट के पीछे 5 बड़े कारण रहे-

1) आईटी शेयरों पर भारी दबाव

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वीके विजयकुमार ने बताया, “टीसीएस के पहली तिमाही के नतीजे आईटी कंपनियों के लिए मुश्किल समय जारी रहने का संकेत देते हैं। खासतौर से लार्जकैप आईटी कंपनियों के लिए हालांकि, मिड-कैप आईटी कंपनियों के अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है।”

2) ट्रेड डील को लेकर अनिश्चिचतता

भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील के ऐलान में देरी के चलते निवेशक सतर्क बने हुए हैं। कॉमर्स मिनिस्ट्री की एक टीम के प्रस्तावित ट्रेड डील पर आगे की बातचीत के लिए वाशिंगटन जाने की उम्मीद है। अमेरिका ने भारतीय सामानों के टैरिफ पर लगी रोक को 1 अगस्त तक बढ़ा दिया है। हालांकि जैसे-जैसे यह तारीख नजदीक आ रही है, निवेशकों की बेचैनी बढ़ती जा रही है।

3) कमजोर ग्लोबल संकेत

ग्लोबल मार्केट से कमजोर संकेतों का भी असर भारतीय शेयर बाजार पर दिखा। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने कनाडा पर 35 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इसके चलते वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स में आज गिरावट देखने को मिली। हालांकि एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख रहा। जापान और साउथ कोरिया के शेयर मार्केट जहां लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। वहीं ताइवान, हांग कांग और चीन के शेयरों बाजार हरे निशान में थे।

4) क्रूड ऑयल के दाम में उछाल

ट्रंप ने अपने बयानों पर रूस पर नए प्रतिबंध लगाने का संकेत दिया है। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय ऑयल मार्केट में, शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड का भाव 0.35 फीसदी उछलकर 68.88 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। भारत अपनी जरूरत का लगभग तीन चौथाई क्रूड ऑयल से विदेशों से आयात करता है। ऐसे में क्रूड के दाम में उछाल को भारत के लिए नेगेटिव माना जाता है।

5) ट्रंप और फेडरल रिजर्व के बीच तकरार

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर फेडरल रिजर्व से ब्याज दरों में तीन प्रतिशत तक की कटौती की मांग की है। उनका कहना है कि इससे सरकारी कर्ज पर ब्याज बोझ कम होगा और इकोनॉमी को राहत मिलेगी। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि राजनीतिक दबाव में लिए गए फैसले से फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े हो सकते हैं। अगर फेड चेयरमैन के कमजोर होने का संकेत गया, तो इससे बाजार का भरोसा डगमगा सकता है। राजनीतिक दबाव में लिए गए फैसले इकोनॉमिक फंडामेंटल्स के खिलाफ हो सकते हैं और वित्तीय स्थिरता को खतरा पहुंचा सकते हैं।

एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?

जियोजिय फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटजिस्ट, आनंद जेम्स ने बताया, “बीते हफ्ते बाजार की ऊपर जाने की कोशिशें लगातार दबाव में रहीं। अब ऐसा लगता है कि रेंज ब्रेकआउट नीचे की ओर हो रहा है। निफ्टी ने कल के कारोबार के दौरान 25,440 का स्तर तोड़ दिया, जो तकनीकी तौर पर कमजोरी का संकेत है। अगर गिरावट 25,220 के पास रुकती है, तो यह ‘फ्लैग पैटर्न’ बना सकती है, जिससे तेज उछाल की संभावना बन सकती है। लेकिन अगर ये स्तर भी टूटता है, तो अगले सपोर्ट जोन 25,025 से लेकर 24,920 के बीच देखे जा सकते हैं।”

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Source: MoneyControl