इस महीने की शुरुआत में IREDA ने अपने कारोबार की तिमाही अपडेट पहले ही जारी कर दी थी. जून तिमाही में कंपनी द्वारा मंजूर किए गए लोन की रकम सालाना आधार पर 28.5% बढ़कर ₹11,740 करोड़ हो गई है.
वहीं, अप्रैल से जून के बीच लोन डिस्ट्रिब्यूशन ₹6,981 करोड़ रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही से 31.1% अधिक है. IREDA का कुल लोन बुक अब लगभग ₹80,000 करोड़ के करीब पहुंच गया है, जो पिछले साल के ₹63,207 करोड़ की तुलना में 26.5% की वृद्धि दर्शाता है.
एसेट क्वालिटी पर ध्यान
इस तिमाही रिपोर्ट में कंपनी के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट, लोन मिक्स और विशेष रूप से एसेट क्वालिटी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. IREDA की एसेट क्वालिटी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका एक्सपोजर जेनसोल इंजीनियरिंग से जुड़ा है, जो वर्तमान में दिवालियापन प्रक्रिया से गुजर रहा है.
IREDA का जेनसोल इंजीनियरिंग के साथ ₹470 करोड़ का एक्सपोजर है, जिसमें ₹254.9 करोड़ का टर्म लोन और ₹215.7 करोड़ की अतिरिक्त वर्किंग कैपिटल सुविधाएं शामिल हैं. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने जेनसोल के खिलाफ IREDA की दिवालियापन याचिका को मंजूरी दे दी है.
मार्च तिमाही में IREDA का ग्रॉस एनपीए 2.68% से घटकर 2.45% हो गया था, जबकि नेट एनपीए 1.5% से सुधरकर 1.35% रहा है. IREDA के शेयर नतीजों के पहले 1.7% की बढ़त के साथ ₹168.7 पर ट्रेड कर रहे हैं. हालांकि, यह शेयर अपने ऑल टाइम हाई ₹310 से लगभग 45% नीचे हैं.
Source: CNBC