भारत का पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ( सेबी ) इंडेक्स ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी डेट में बड़े बदलाव पर विचार कर रहा है. इस सेगमेंट में बढ़ते कारोबार पर लगाम लगाने के लिए संभवतः इसे हर दो हफ्ते में सिर्फ़ एक एक्सपायरी वाले 15 दिन के एक्सपायरी सिस्टम में बदला जा सकता है. मीडिया में आई खबरों के अनुसार सेबी इस पर विचार कर रहा है.
प्रस्तावित बदलाव मौजूदा शेड्यूल को बदल देगा यानी बीएसई के सेंसेक्स के लिए मंगलवार और एनएसई के निफ्टी के लिए गुरुवार, की जगह लेगा और अब हर दो हफ्ते में सिर्फ़ एक इंडेक्स एक्सपायरी होगी. उम्मीद है कि नियामक आने वाले हफ़्तों में ऑप्शन एक्टिविटीज़ पर हाल ही में शुरू किए गए उपायों के प्रभाव का आकलन करेगा और फिर इस योजना पर आगे बढ़ने का फ़ैसला करेगा.
रिपोर्ट के अनुसार अगर ट्रेड की क्वांटिटी हाई बनी रहती है या मामूली गिरावट आती है तो यह प्रस्ताव परामर्श प्रक्रिया के ज़रिए सेबी के नियामक ढाँचे में गति पकड़ सकता है.
जेन स्ट्रीट विवाद के कारण दबाव बढ़ा
यह चर्चा सेबी द्वारा अमेरिकी कंपनी जेन स्ट्रीट ग्रुप और उसकी चार सहयोगी कंपनी पर भारतीय बाजारों से प्रतिबंध लगाने के कुछ ही दिनों बाद हुई है. सेबी ने इस स्वामित्व वाली ट्रेडिंग फर्म पर 18 एक्सपायरी दिनों में इंडेक्स स्तरों में हेरफेर करने और ऑप्शन ट्रेड से अनुपातहीन प्रॉफिट कमाने का आरोप लगाया है. नियामक ने कथित अवैध लाभ के रूप में 4,840 करोड़ रुपये की राशि जब्त करने का आदेश दिया है.
सेबी के 105 पेज के अंतरिम आदेश में बताया गया है कि कैसे फर्म ने बैंक निफ्टी और निफ्टी 50 सहित 40 से अधिक इंडेक्स शेयरों में आक्रामक, हाई क्वांटिटी वाले ट्रेड किए, जिससे एक्सपायरी के दिनों में प्राइस निर्धारण में गड़बड़ी हुई.
Source: Economic Times