शिवसेना (शिंदे गुट) के एक विधायक ने मुंबई के MLA गेस्ट हाउस में एक कैंटीन कर्मचारी पर कथित तौर पर हमला करके नया विवाद खड़ा कर दिया है। यह घटना महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं द्वारा मीरा रोड के एक दुकानदार पर मराठी बोलने से इनकार करने पर हमला करने के कुछ दिनों बाद हुई है, जिससे एक बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया था। सीएनएन-न्यूज 18 को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक बुलढाणा से विधायक संजय गायकवाड़ MLA गेस्ट हाउस कैंटीन में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता से नाखुश थे।
सूत्रों के मुताबिक उन्हें परोसे गए खराब क्वालिटी वाले भोजन के विरोध में संजय गायकवाड़ ने कर्मचारियों से झगड़ा किया और अन्य लोगों के साथ मिलकर कैंटीन के एक कर्मचारी पर हमला कर दिया। यह घटना राज्य सरकार द्वारा संचालित गेस्ट हाउस में हुई, जहां महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कई विधायक ठहरे हुए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कैंटीन कर्मचारियों और शिवसेना विधायक के बीच टकराव बढ़ गया,जो शारीरिक हिंसा में बदल गया।
फिलहाल अभी तक इस घटना के संबंध में संजय गायकवाड़ या शिवसेना (शिंदे गुट) की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह घटना मनसे (MNS) और भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के बीच चल रहे राजनीतिक टकराव के दौरान हुई है। राज्य के निवासियों के बीच मराठी के भाषा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए मनसे आक्रामक अभियान चला रही है।
राज ठाकरे की लीडरशिप वाली पार्टी मनसे की उस समय तीखी आलोचना हुई जब कुछ ऐसे वीडियो सामने आए जिनमें कथित तौर पर मनसे कार्यकर्ताओं को एक उत्तर भारतीय दुकानदार के मराठी न बोलने पर उसकी पिटाई करते और उसे मराठी बोलने के लिए मजबूर करते देखा गया। प्रतिक्रियास्वरूप राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि “उनकी पिटाई करें, लेकिन वीडियो न बनाएं।”
इस घटना से महाराष्ट्र और राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा राजनीतिक बहस छिड़ गई है, जिसमें विभिन्न दलों के नेताओं ने हिंसा की निंदा की है और जवाबदेही की मांग की है। इस बीच, मनसे ने अपने रुख का बचाव करते हुए कहा है कि मराठी भाषा के किसी भी अपमान पर पार्टी कड़ी प्रतिक्रिया देगी।
Source: MoneyControl