BSE ने लिया इन 28 शेयरों पर एक्शन- भाव पर दिखेगा सीधा असर

BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) ने ऐसे शेयरों पर सख्त निगरानी रखनी शुरू कर दी है जिनमें अचानक तेज़ी या गिरावट देखी जा रही है. एक्सचेंज ने 28 कंपनियों के प्राइस बैंड घटा दिए हैं और कुछ को Trade-to-Trade सेगमेंट में डालने की प्रक्रिया शुरू की है. इसका मकसद शेयर बाज़ार में किसी भी तरह की अनियमित गतिविधियों पर लगाम लगाना है.

एक्सचेंज क्यों लेता है ये सख्त कदम
BSE की Surveillance Cell का काम है शेयरों की असामान्य गतिविधियों पर नजर रखना ताकि कोई भी निवेशक शेयर की कीमतों को गलत तरीके से प्रभावित न कर सके. इसके लिए ये विभाग कुछ अहम कदम उठाता है:

सर्किट फिल्टर घटाना
स्पेशल मार्जिन लगाना (25%, 50%, या 75%)
Trade-to-Trade सेगमेंट में डालना
सस्पेंशन या चेतावनी नोटिस जारी करना
जिन पर शेयरों पर एक्शन पर हुआ उसकी पूरी लिस्ट

क्रम संख्या स्क्रिप कोड कंपनी का नाम (Scrip Name) मौजूदा प्राइस बैंड (%) नया प्राइस बैंड (%)
1 543451 AGS Transact Technologies Ltd 5 2
2 542020 AKI India Ltd 20 10
3 540694 ANG Lifesciences India Ltd 5 2
4 544417 Aten Papers & Foam Ltd 10 5
5 539834 Balgopal Commercial Ltd 5 2
6 514045 BSL Ltd 5 2
7 531237 Dhruva Capital Services Ltd 5 2
8 539979 Digjam Ltd 5 2
9 539032 Fraser and Company Ltd 5 2
10 590041 Kavveri Defence & Wireless Technologies Ltd 5 2
11 507946 Kiduja India Ltd 5 2
12 526423 Kriti Industries India Ltd 5 2
13 508922 MSR India Ltd 5 2
14 538862 My Money Securities Ltd 5 2
15 531157 Organic Coatings Ltd 5 2
16 526905 Padmanabh Industries Ltd 5 2
17 530291 Paos Industries Ltd 5 2
18 532780 Parsvnath Developers Ltd 20 10
19 531436 Saffron Industries Ltd 5 2
20 533202 Satchmo Holdings Ltd 20 5
21 511493 Shrydus Industries Ltd 5 2
22 524632 Shukra Pharmaceuticals Ltd 5 2
23 539252 Shyam Century Ferrous Ltd 5 2
24 539378 Soni Medicare Ltd 5 2
25 531370 Sparc Electrex Ltd 5 2
26 543745 SVS Ventures Ltd 5 2
27 532890 Take Solutions Ltd 5 2
28 532893 VTM Ltd 5 2

Trade-to-Trade सेगमेंट क्या है?
अगर कोई शेयर T2T सेगमेंट में चला जाता है तो उसमें इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं हो सकती. यानी जो शेयर आप खरीदेंगे, उसकी डिलीवरी लेनी ही पड़ेगी और जो बेचेंगे, उसकी डिलीवरी देनी होगी. इससे स्पेकुलेशन और प्राइस मैनिपुलेशन कम होती है.
कैसे तय होता है कि कौन-सा शेयर Trade-to-Trade में जाएगा?
BSE इसके लिए हर 15 दिन और हर तिमाही में समीक्षा करता है. इसके लिए कई क्राइटेरिया होते हैं:
फोर्टनाइटली रिव्यू के 3 मुख्य
PE Ratio (शेयर का भाव/कमाई): बहुत ज्यादा होना चाहिए

प्राइस में असामान्य तेजी: सेक्टर इंडेक्स से 25% ज्यादा
Market Cap: ₹500 करोड़ से कम
क्वार्टरली रिव्यू में चार कैटेगिरी
A: PE बहुत ज्यादा + हाई वोलैटिलिटी + तेज प्राइस बढ़त
B: मिड रेंज PE + हाई वोलैटिलिटी + बहुत ज्यादा प्राइस मूवमेंट
C: छोटी कंपनियां + वॉल्यूम में तेज बदलाव + हाई क्लाइंट कंसन्ट्रेशन
D: नॉन-प्रमोटर शेयरहोल्डर 500 से कम
किसे नहीं डाला जाता Trade-to-Trade में?
जिन शेयरों पर डायनामिक प्राइस बैंड है
हाल में लिस्ट हुए IPO
जिनका मार्केट कैप ₹500 करोड़ से ज्यादा है और पिछले 2 साल में डिविडेंड दिया है
जिनमें 20% से ज्यादा इंस्टिट्यूशनल होल्डिंग है
 निवेशक क्या करें?
अगर आपने इन 28 शेयरों में निवेश किया है तो सतर्क रहें.Intraday ट्रेडर्स के लिए यह नुकसानदेह हो सकता है, क्योंकि T2T सेगमेंट में स्क्वेयर ऑफ नहीं हो पाता.निवेश से पहले देखें कि किसी शेयर पर Surveillance Action तो नहीं है.लॉन्ग टर्म निवेशक इस मौके को मूल्यांकन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं कि क्या शेयर वाकई क्वालिटी है या सिर्फ सट्टा.
BSE की यह कार्रवाई बाजार की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए है. अगर आप एक जिम्मेदार निवेशक हैं, तो ये संकेत आपके लिए चेतावनी भी हैं और मौके भी – यह जानने के कि आपका पैसा सही जगह लगा है या नहीं. Surveillance की ये गतिविधियां अल्पकालिक वोलैटिलिटी बढ़ा सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में बाजार की सेहत सुधारने में मदद करती हैं.

Source: CNBC