गिफ्ट निफ्टी ने दिया निगेटिव संकेत
बुधवार के लिए गिफ्ट निफ्टी (पहले SGX निफ्टी) 25 अंकों की गिरावट के साथ 25,579 पर ट्रेड कर रहा था, जो दर्शाता है कि घरेलू बाजार की शुरुआत कमजोर हो सकती है। यह 0.10 प्रतिशत की गिरावट है।
टेक्निकल व्यू: बुल्स को मिल रहा सहारा
निफ्टी ने घंटेवार चार्ट पर कंसोलिडेशन के बाद ऊपर की ओर मूव किया है, जिससे तेजी की उम्मीद जगी है। डेली चार्ट पर ग्रीन कैंडल, हैमर और डोजी पैटर्न बना है, जो संभावित तेजी का संकेत है। निचले स्तर पर समर्थन 25,400 पर है, जबकि ऊपर की ओर 25,600 और 25,750–25,800 पर रेजिस्टेंस देखा जा रहा है।
इंडिया VIX में गिरावट
बाजार की वोलैटिलिटी को मापने वाला इंडिया VIX 2.9% गिरकर 12.20 के स्तर पर आ गया है, जो निवेशकों में डर की कमी को दर्शाता है और यह एक सकारात्मक संकेत है।
अमेरिकी बाजारों में कमजोरी, ट्रंप की धमकियों का असर
S&P 500 मंगलवार को थोड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ क्योंकि निवेशक अमेरिका की व्यापार नीति को लेकर स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने जापान और दक्षिण कोरिया समेत कई देशों पर अगस्त से 25% टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है, जिससे बाजार की उम्मीदों को झटका लगा है। डॉव जोंस 0.37% गिरा, एसएंडपी 500 0.07% गिरा, नैस्डैक 0.03% बढ़ा।
एशियाई बाजार सतर्क, ट्रेड वार का डर बरकरार
एशियाई बाजारों में बुधवार सुबह मिले जुले संकेत देखने को मिले। निवेशक ट्रंप के टैरिफ अल्टीमेटम के बाद जोखिम लेने से बच रहे हैं। जापान का टॉपिक्स: 0.2% बढ़ा, ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200: 0.5% गिरा, हैंग सेंग फ्यूचर्स स्थिर है और यूरो स्टॉक 50 फ्यूचर्स: 0.5% चढ़ाळ
डॉलर मजबूत, ट्रंप का टैरिफ वार जारी
डॉलर लगातार तीसरे दिन येन के मुकाबले मजबूत हुआ है। ट्रंप ने जापान समेत कई देशों पर टैरिफ लगाने के बाद आगे और व्यापारिक घोषणाएं करने की बात कही है, जिससे वैश्विक करेंसी बाजार में उथल-पुथल है।
F&O बैन में RBL बैंक
बुधवार को डेरिवेटिव सेगमेंट में RBL बैंक F&O बैन में है। यह तब होता है जब किसी स्टॉक में मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट का 95% से अधिक ट्रेड हो चुका होता है।
रुपये में मजबूती
मंगलवार को रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 21 पैसे की मजबूती दिखाई और 85.73 रुपये पर बंद हुआ। इसकी वजह ग्लोबल कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और डॉलर की कमजोरी रही।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
Source: Economic Times