Stocks in News 9 July 2025: Tata Motors को झटका, JSW Steel चमका, इन शेयरों पर टिकी है बाजार की नजर

मंगलवार के कारोबार में बाजार में हल्की तेजी देखने को मिली। टाटा स्टील, JSW स्टील, KPI ग्रीन, टाटा मोटर्स, यूनियन बैंक जैसी कंपनियों में तिमाही नतीजों और अहम डेवलेपमेंट्स के कारण हलचल रही। निवेशकों की नजर आज इन स्टॉक्स पर टिकी है।

Tata Steel

टाटा स्टील इंडिया ने जून 2025 में समाप्त तिमाही के लिए अपने कच्चे स्टील उत्पादन में स्थिरता बरकरार रखी है। कंपनी ने इस दौरान 5.26 मिलियन टन स्टील का उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के बराबर है। उत्पादन में कोई वृद्धि न होने के बावजूद, कंपनी के स्टॉक पर निवेशकों की नजर बनी हुई है।

JSW Steel

JSW स्टील ने पहली तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी का कच्चा स्टील उत्पादन 14% सालाना बढ़कर 7.26 मिलियन टन हो गया है। यह वृद्धि कंपनी के मजबूत मांग और उत्पादन क्षमता में इजाफे को दर्शाती है। इससे JSW स्टील के शेयरों में तेजी की उम्मीद की जा रही है।

KPI Green

KPI ग्रीन को लेकर सरकार ने एक विशेष प्रयोजन इकाई ‘KPIN Clean Power Four LLP’ के गठन को मंजूरी दी है। यह कदम कंपनी के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है और इसका असर कंपनी के शेयरों पर सकारात्मक रूप में पड़ सकता है।

Union Bank

सरकारी स्वामित्व वाले यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने जून तिमाही में कुल व्यापार में 5% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की है, जो बढ़कर 22.1 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह वृद्धि बैंक की मजबूत कार्यप्रणाली और ग्राहक आधार में बढ़ोतरी का संकेत देती है, जिससे शेयरों में निवेशकों की रुचि बढ़ सकती है।

Puravankara

रियल एस्टेट कंपनी Puravankara को मुंबई के चेंबूर इलाके में 8 सोसायटियों के पुनर्विकास का काम मिला है। यह प्रोजेक्ट लगभग 2,100 करोड़ रुपये की विकास लागत वाला है। इससे कंपनी की राजस्व और बाजार हिस्सेदारी दोनों में बड़ा इजाफा हो सकता है।

Tata Motors:

टाटा मोटर्स के लिए यह तिमाही कुछ निराशाजनक रही है। कंपनी की वैश्विक थोक बिक्री में 9% की गिरावट आई है और यह आंकड़ा 2.99 लाख यूनिट पर आ गया है। यह गिरावट मांग में कमी और वैश्विक सप्लाई चेन की दिक्कतों का परिणाम मानी जा रही है, जिससे शेयर पर दबाव आ सकता है।

(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)

Source: Economic Times