वहीं मुनाफे में साल दर साल के आधार पर 37 फीसदी और तिमाही दर तिमाही आधार पर 8 फीसदी का उछाल देखने को मिल सकता है.
कहां से मिलेगा सेक्टर का सहारा
तिमाही नतीजों में बेहतर प्रदर्शन के लिए 3 बातें अहम मानी जा रही हैं. कंपनियों के रिफाइनिंग मार्जिन बेहतर रह सकते हैं. वहीं मार्केटिंग मार्जिन भी मजबूत रहने की उम्मीद है इसके साथ ही एलपीजी अंडर रिकवरी में कमी से भी मुनाफे पर सकारात्मक असर पड़ सकता है.
कहां दिख सकती से सबसे तेज ग्रोथ
तिमाही में सेक्टर की ग्रोथ को सबसे मदद करने वालों में ऑयल मार्केटिंग कंपनियां आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल के साथ साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज और गुजरात गैस शामिल हैं.
आईओसी की एबिटडा ग्रोथ 84 फीसदी, बीपीसीएल की 64 फीसदी और एचपीसीएल की एबिटडा ग्रोथ 290 फीसदी तक संभव है. वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज की एबिटडा ग्रोथ 15 फीसदी संभव है, वहीं कंपनी का प्रॉफिट 25 से 30 फीसदी तक बढ़त दर्ज कर सकता है.
दूसरी तरफ ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के नतीजे सुस्त रह सकते हैं. यहां एबिटडा साल दर साल के आधार पर 3 फीसदी गिर सकता है. तिमाही दर तिमाही आधार पर आईजीएल की एबिटडा ग्रोथ 47 फीसदी, MGL की 26 फीसदी और गुजरात गैस की 39 फीसदी की ग्रोथ संभव है.
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Source: CNBC