अगर इंडेक्स मैनिपुलेट हो सकता है, तो क्या ETF में निवेश करने वाला सुरक्षित? Jane Street विवाद से उभरी ये चिंताएं

अगर मार्केट को कोई बड़ी कंपनी अपने हिसाब से मोड़ सकती है, तो आम निवेशक क्या सिर्फ शिकार बनकर रह जाएगा? हाल ही में भारत के मार्केट रेगुलेटर SEBI ने ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म Jane Street पर बड़ा एक्शन लिया. कंपनी पर आरोप है कि उसने जानबूझकर बाजार में ऐसी एक्टिविटी कीं जिससे इंडेक्स की कीमत उसके हिसाब से ऊपर-नीचे हुईं. यानी सीधा शब्दों में कहें तो मार्केट मैनिपुलेट किया. SEBI ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे ट्रेडिंग से बैन कर दिया और ₹4,844 करोड़ की रकम को फ्रीज कर दिया है. लेकिन इससे एक और बड़ी बहस खड़ी हो गई है…

क्या मार्केट को मैनिपुलेट करना इतना आसान है?

जब एक विदेशी फर्म भारत के लाखों करोड़ के शेयर बाजार में ऐसा खेल खेल सकती है, तो फिर सवाल उठता है – हमारे मार्केट में निवेशकों या ट्रेडर्स का पैसा कितना सुरक्षित है? क्या ये पहला मामला है? या पहले भी कुछ बड़ी कंपनियां पर्दे के पीछे से ऐसा करती रही हैं? क्या अभी भी कोई कंपनी अपने हिसाब से मार्केट को मैनिपुलेट कर रही है क्योंकि अलग-अलग इंडेक्स के एक्सपायरी के दिन हमने देखा है कि कुछ ही मिनटो में उस इंडेक्स (निफ्टी, बैंक निफ्टी सहित अन्य) में बड़े-बड़े मूब्स आते हैं. क्या और फर्में भी ऐसा कर रही हैं, लेकिन पकड़ में नहीं आ रही हैं?

SEBI तब क्या कर रहा था?

जब ये मैनिपुलेशन हो रहा था – क्या SEBI को अलर्ट नहीं मिला? क्या उसकी निगरानी प्रणाली (सर्वेलेंस सिस्टम) कमजोर थी? या फिर कोई अंदरूनी चूक हुई? अगर इंडेक्स के साथ हेरफेर महीनों तक चला और रेगुलेटर को समय पर खबर नहीं लगी, तो ये लापरवाही नहीं बल्कि गंभीर चूक है.

नुकसान किसका… और भरपाई कौन करेगा?

इस मैनिपुलेशन से जो सबसे ज़्यादा चोट खा रहे हैं, वो हैं आम निवेशक. उनके नुकसान की भरपाई कौन करेगा? क्या Jane Street से वसूली ही काफी है? क्या SEBI ने देर से एक्शन लेकर नुकसान और बढ़ा दिया? क्या जिन्होंने Nifty ETF में निवेश किया, जो SIP कर रहे थे- उन्हें भी नुकसान हुआ. क्योंकि इंडेक्स को छेड़ना यानी सिस्टम की जड़ों पर वार करना.

सिर्फ कार्रवाई नहीं SEBI को जवाब भी देना चाहिए

SEBI ने कार्रवाई की, बहुत अच्छा किया. लेकिन अब सवालों से भागा नहीं जा सकता. मैनिपुलेशन कब से चल रहा था? कौन-कौन शामिल था? क्या सिर्फ Jane Street ही दोषी है? और आगे इस तरह की एक्टीविटी को वो कैसे रोकेगी.

क्या SEBI का केस कमजोर है?

Jane Street ने एक आधिकारिक बयान में कहा – ‘SEBI द्वारा लगाए गए आरोप तथ्यहीन और कमजोर आधार पर हैं. हमने किसी भी प्रकार की मैनिपुलेटिव ट्रेडिंग नहीं की है. हमारे ट्रेड्स मार्केट नियमों के अनुरूप थे. इस कार्रवाई से वैश्विक निवेशकों के बीच भारत की रेगुलेटरी व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठते हैं.’ कंपनी ने यह भी कहा कि वह SEBI के आदेश को कानूनी रूप से चुनौती देने की तैयारी कर रही है.

SEBI ने कहा है कि Jane Street की कुछ ट्रेडिंग एक्टिविटी इंडेक्स के मूवमेंट को प्रभावित करने वाली थीं. SEBI का आदेश 150 से ज्यादा पन्नों का है, लेकिन मार्केट एक्सपर्ट्स की राय में उसमें कई बिंदु अस्पष्ट हैं. अगर Jane Street निर्दोष साबित हुई, तो SEBI की साख पर क्या असर पड़ेगा? इस विवाद ने विदेशी निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है. क्या भारत में ट्रेडिंग करना अब अनिश्चितता से भरा होगा? अगर कोई भी बड़ी ट्रेडिंग एक्टिविटी ‘मैनिपुलेशन’ समझ ली जाए, तो क्या प्रोफेशनल ट्रेडर्स को रिस्क से डरकर पीछे हटना पड़ेगा?

Source: Economic Times