The Leela होटल्स चलाने वाली कंपनी के स्टॉक पर ब्रोकरेज बुलिश, Morgan Stanley ने कहा 549 रुपये के लेवल तक पहुंच सकता है स्टॉक

नई दिल्ली: The Leela होटल्स चलाने वाली कंपनी Schloss Bangalore के स्टॉक में मंगलवार को तूफानी तेज़ी देखने को मिली है. स्टॉक में 5 प्रतिशत से ज़्यादा की तेज़ी देखने को मिली है, जिससे स्टॉक ने 429 रुपये के अपने इंट्राडे हाई लेवल को टच किया है. ख़बर लिखे जाने तक कंपनी के शेयर 5.60 प्रतिशत की तेज़ी के साथ 429.60 रुपये के लेवल पर ट्रेड कर रहे थे.

ब्रोकरेज ने जताया भरोसा

ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने स्टॉक पर ‘ओवरवेट’ रेटिंग दी है, जिसके लिए ब्रोकरेज ने 549 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है. यह टारगेट प्राइस स्टॉक के पिछले बंद भाव से 35 प्रतिशत की तेज़ी की संभावना को दर्शाता है.
मॉर्गन स्टेनली का कंपनी पर पॉजिटिव व्यू है क्योंकि उसका मानना है कि प्रीमियम ट्रैवल अनुभवों की बढ़ती मांग के कारण लक्जरी हॉस्पिटेलिटी सेगमेंट लंबे समय तक मजबूत बना रहेगा.

ब्रोकरेज ने कहा कि श्लॉस बैंगलोर का लो नेट डेब्ट (नकदी की तुलना में बहुत कम ऋण) और इसका लगातार बिजनेस परफॉरमेंस भविष्य में इसकी स्टॉक रेटिंग को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है. हालांकि, इसने यह भी चेतावनी दी कि कंपनी में कॉन्संट्रेशन रिस्क है, जिसका अर्थ है कि यह सीमित संख्या में संपत्तियों या बाजारों पर बहुत अधिक निर्भर है, जिस पर निवेशकों को नज़र रखनी चाहिए.
ब्रोकरेज ने कहा कि श्लॉस बैंगलोर भारत में सार्वजनिक रूप से लिस्टेड उन बहुत कम कंपनियों में से एक है जो केवल लक्जरी होटलों पर ध्यान देती है. इसकी संपत्तियाँ प्रसिद्ध, विरासत शैली के होटल हैं जिनमें मॉडर्न डिज़ाइन और वास्तुकला भी शामिल है, जो उन्हें बाजार में सबसे अलग बनाती है.
कंपनी के पास वर्तमान में पाँच होटल हैं, और ये होटल इसकी कुल आय का 93 प्रतिशत रेवेन्यू पैदा करते हैं. इसने अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते हैं और बिजनेस में दूसरों की तुलना में प्रति उपलब्ध कमरे (RevPAR) हाई रेवेन्यू और मजबूत प्रॉफिट मार्जिन (EBITDA) के लिए जाना जाता है.
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि ये मजबूत कारोबारी आंकड़े – जैसे प्रति कमरा हाई रेवेन्यू और अच्छा प्रॉफिट मार्जिन – दर्शाते हैं कि ब्रांड भारत के लक्जरी होटल बाजार में शीर्ष स्थान रखता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लग्जरी होटलों की मांग अभी भी मजबूत है। हालांकि, बन रहे नए लग्जरी होटलों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है, क्योंकि इन्हें बनाने और खोलने में बहुत पैसा खर्च होता है.

(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)

Source: Economic Times