ट्रंप ने सोमवार रात एक प्रेस रिलीज में बताया कि जापान, दक्षिण कोरिया सहित 14 देशों पर अब 25% टैरिफ लगाया जाएगा. ये वे देश हैं जिनके साथ अमेरिका का अभी तक कोई बिजनेस डील नहीं हुई है. इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय व्यापार जगत में हलचल मच गई है.
ट्रंप प्रशासन ने साथ ही कॉम्पिटेटिव टैरिफ की समयसीमा को 9 जुलाई से बढ़ाकर अब 1 अगस्त कर दिया है, जिससे प्रभावित देशों को बातचीत के लिए और समय मिल सके.
इसके अतिरिक्त, राष्ट्रपति ट्रंप ने BRICS देशों के समर्थक देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई राष्ट्र BRICS की “अमेरिका विरोधी” नीतियों का समर्थन करता है, तो उस पर एक्स्ट्रा 10% टैरिफ लगाया जा सकता है. यह बयान BRICS सम्मेलन के साथ मेल खाता है, जो इन दिनों ब्राजील में हो रहा है.
डॉलर इंडेक्स में गिरावट
मंगलवार को डॉलर में गिरावट दर्ज की गई, लेकिन पिछले सप्ताह जारी हुए मज़बूत अमेरिकी रोज़गार आंकड़ों के चलते डॉलर को अभी भी पर्याप्त समर्थन मिल रहा है. यही वजह है कि निकट भविष्य में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना फिलहाल कम मानी जा रही है.
ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी को लेकर बाजार में मिला-जुला रुख है. एक ओर यह अमेरिका को व्यापार वार्ताओं में दबदबा दिलाने की कोशिश है, वहीं दूसरी ओर ग्लोबल कारोबारी स्थिरता के लिए खतरे का संकेत भी.
Source: CNBC