Jane Street जैसी कंपनियों की स्ट्रैटजी से कैसे बचें? इन 5 टिप्स से खुद को बचाएं छोटे निवेशक

jane street banned: भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने शुक्रवार को अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट पर बड़ा एक्शन लिया। मार्केट रेगुलेटरी ने इसे मार्केट से बैन करते हुए 48,40 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश दिया है। सेबी ने यह कार्रवाई शेयर बाजार में हेराफेरी करके मुनाफा कमाने के आरोप में की है। जेन स्ट्रीट पर कई नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है, जिसमें डेरिवेटिव्स एक्सपायरी पर इंडेक्सों को प्रभावित करना शामिल है।

सेबी की जांच में सामने आईं ये बातें

SEBI ने अपने अंतरिम आदेश में अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी पर SEBI Act की धारा 11(1), 11(4), 11बी(1), 11(डी) और प्रोहिबिशन ऑफ फ्रॉडुलेंट एंड अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज (PFUTP) नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। इन नियमों का मतलब है कि कोई भी कंपनी या संस्था मार्केट में गलत तरीके से हेरफेरी नहीं कर सकती है। सेबी का कहना है कि जेन स्ट्रीट ने निफ्टी50 (Nifty 50) और बैंक निफ्टी (Bank Nifty) जैसे इंडेक्सों को प्रभावित करने के लिए बड़े स्तर पर खरीद-बिक्री की। खास तौर पर डेरिवेटिव्स की एक्सपायरी वाले दिन कंपनी ने ऐसी स्ट्रैटजी अपनाई, जिससे मार्केट में तेजी का गलत मैसेज गया। इससे ऑप्शन के भाव पर असर पड़ा और छोटे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

1. बड़े खिलाड़ी बाजार को हिला सकते हैं। रिटेल इन्वेस्टर्स को चाहिए कि वे बाजार की खबरों और सेबी की चेतावनियों पर नजर रखें।

2.अचानक तेजी या गिरावट से पैनिक ना हों। अचानक उछाल या गिरावट देखकर जल्दबाजी में सेल या बायिंग न करें। टेक्निकल इंडेक्स और वॉल्यूम डेटा का से ट्रेंड चेक करें।

3. एक्सपायरी पर ज्यादा सावधान रहें। अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं, तो एक्सपायरी के दिन ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। अचानक होने वाले एक्शन हमेशा मार्केट के रियल टाइम स्टेटस को नहीं दिखाते हैं।

4.छोटे निवेशकों को सेबी की वेबसाइट, सर्कुलर, और फाइनेंशियल न्यूज पर नजर रखनी चाहिए। ये चेतावनियां बाजार में जोखिमों के बारे में पहले से आगाह कर सकती हैं। जानकारी और जागरूकता ही निवेशक की सबसे बड़ी ताकत है।

6.जेन स्ट्रीट का मामला दिखाता है कि SEBI विदेशी कंपनियों और उनकी हार्ड स्ट्रैटजी पर नजर बनाए हुए है। लेकिन इन्वेस्टर्स को भी सतर्क रहना होगा। लालच या जल्दबाजी में फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) में डील करने से बचें। रिस्क मैनेजमेंट और पेसेंस के साथ निवेश करें।

Source: Mint