Jane Street पर SEBI का बैन एक्सचेंजों और ब्रोकर्स के लिए बन सकता है बुरी खबर! Zerodha के नितिन कामत ने क्यों कहा ऐसा

कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अमेरिका में बेस्ड ग्लोबल प्रॉपराइटरी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट को भारत के सिक्योरिटी मार्केट्स में बैन कर दिया है। इस प्रॉप ट्रेडिंग फर्म पर इंडेक्स ऑप्शंस में भारी मुनाफा कमाने के लिए एक्सपायरी डेज में इंडेक्स लेवल में कथित रूप से हेरफेर करने का आरोप है। सेबी ने इसे 4,843 करोड़ रुपये के गैरकानूनी मुनाफे को वापस करने का निर्देश दिया है। यह सेबी की अब तक की सबसे अधिक वसूली गई राशि हो सकती है।

सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने अंतरिम आदेश में जेएसआई इनवेस्टमेंट्स, जेएसआई2 इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड और जेन स्ट्रीट ग्रुप (जेएस ग्रुप) की जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग (ऑनलाइन कारोबार) को सिक्योरिटी मार्केट्स में बैन कर दिया है।

सेबी की इस कार्रवाई ने भारत के डेरिवेटिव बाजार में हलचल मचा दी है। ट्रेडर्स और मार्केट पार्टिसिपेंट्स अभी भी इसके नतीजों का अंदाजा लगा रहे हैं। ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जीरोधा के को-फाउंडर नितिन कामत ने इस मामले में सेबी की अलर्टनेस और लगन को लेकर उसकी तारीफ की है। लेकिन साथ ही चेतावनी दी है कि यह बैन, एक्सचेंजों और ब्रोकर्स के लिए बुरी खबर भी साबित हो सकता है।

प्रॉप ट्रेडिंग फर्म्स का ऑप्शन ट्रेडिंग वॉल्यूम में लगभग 50% हिस्सा

कामत ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘जेन स्ट्रीट के पीछे पड़ने के लिए आपको SEBI को शाबासी देनी होगी। अगर आरोप सच हैं, तो यह स्पष्ट रूप से बाजार में हेरफेर है।’ आगे लिखा कि सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जेन स्ट्रीट, स्टॉक एक्सचेंजों से चेतावनी मिलने के बाद भी ऐसा करती रही। शायद ऐसा तब होता है, जब आप उदार अमेरिकी रेगुलेटरी व्यवस्था के आदी हो जाते हैं। अमेरिकी बाजारों के स्ट्रक्चर में डार्क पूल, ऑर्डर फ्लो के लिए पेमेंट, और अन्य कई खामियां हैं। ये हेज फंड्स को रिटेल इनवेस्टर्स से अरबों बनाने की इजाजत देती हैं। लेकिन भारत के रेगुलेटर्स की बदौलत इनमें से किसी भी प्रैक्टिस की हमारे देश में इजाजत नहीं होगी।

कामत ने यह भी कहा कि जेन स्ट्रीट जैसी प्रॉप ट्रेडिंग फर्म्स, ऑप्शन ट्रेडिंग वॉल्यूम में लगभग 50% हिस्सा रखती हैं। अगर वे अपने हाथ खींच लें और जो कि हो सकता है, तो ऑप्शन ट्रेडिंग में रिटेल एक्टिविटी को 35% का झटका लग सकता है। ऐसा हुआ तो यह एक्सचेंजों और ब्रोकर्स दोनों के लिए बुरी खबर हो सकती है। अब अगले कुछ दिन में F&O (फ्यूचर एंड ऑप्शंस) वॉल्यूम बताएगा कि हम इन नामी प्रॉप ट्रेडिंग फर्म्स पर कितने निर्भर हैं।

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साल 2000 में शुरू हुआ था जेन स्ट्रीट ग्रुप

जेन स्ट्रीट ग्रुप की शुरुआत 2000 में की गई थी। इसके अमेरिका, यूरोप और एशिया में 5 ऑफिस में 2,600 से अधिक कर्मचारी हैं और यह 45 देशों में ट्रेडिंग ऑपरेट करती है। सेबी का कहना है कि जेन स्ट्रीट की एंटिटीज ने एनएसई की सभी प्रोडक्ट कैटेगरीज और सेगमेंट्स में जनवरी 2023 से मार्च 2025 तक एनएसई इंडेक्स ऑप्शंस से 44,358 करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा कमाया।

सेबी ने इन एंटिटीज को डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से किसी भी धोखाधड़ी, हेरफेर या अनुचित व्यापार व्यवहार में शामिल होने से बचने का निर्देश​ दिया। लेकिन ग्रुप फिर भी नहीं माना। फरवरी 2025 में एनएसई ने भी चेतावनी दी लेकिन उसका भी कोई असर नहीं हुआ।

Source: MoneyControl