Crizac IPO Subscription Status on Day 3 and GMP : बी टु बी एजुकेशन प्लेटफॉर्म Crizac के आईपीओ पर तीसरे दिन निवेशक टूट पड़े हैं. तीसरे दिन शाम 4:30 बजे तक यह आईपीओ करीब 60 गुना भर चुका है. आईपीओ को लेकर ग्रे मार्केट में भी क्रेज बना हुआ है. आईपीओ में सामवार यानी 7 जून को शेयर अलॉट होंगे. BSE और NSE पर लिस्टिंग की संभावित तारीख 9 जुलाई 2025 है. फिलहारल सब्सक्रिप्शन और जीएमपी देखकर इसके बेहतर लिस्टिंग के संकेत हैं.
Crizac IPO सब्सक्रिप्शन स्टेटस
आईपीओ अपने तीसरे दिन शाम 4:30 बजे तक 59.60 गुना सब्सक्राइब हो चुका है. इसमें 50% हिस्सेदारी क्वालिफाइड इंस्टीटृयूशनल निवेशकों (QIB) के लिए रिजर्व थी और यह पोर्शन 0.14 गुना भरा है. 15% हिस्सेदारी गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) के लिए रिजर्व थी और यह हिस्सा 76.02 गुना भरा है. जबकि 35% हिस्सेदारी रिटेल निवेशकों (Retail Investors) के लिए रिजर्व है और यह पोर्शन 9.86 गुना भरा है.
ग्रे मार्केट में प्रीमियम स्टेबल
Crizac के आईपीओ को लेकर ग्रे मार्केट में क्रेज बना हुआ है. कंपनी का अनलिस्टेड स्टॉक ग्रे मार्केट में 41 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है. जबकि अपर प्राइस बैंड 245 रुपये है. इस लिहाज से कंपनी का स्टॉक अपने आईपीओ प्राइस 245 रुपये की तुलना में 286 रुपये पर लिस्ट हो सकता है, जो 17% प्रीमियम है.
Crizac Limited : पॉजिटिव फैक्टर
स्टूडेंट रिक्रूटमेंट में एक ग्लोबल लीडर
अनुभव और बाजार की समझ
मजबूत संस्थागत साझेदारियां
बड़ा एजेंट नेटवर्क
तकनीक पर आधारित संचालन
लगातार ग्रोथ का रिकॉर्ड
तेजी से बढ़ते देशों में विस्तार
सेवाओं में विविधता
ब्रांड और मार्केटिंग पर ध्यान
B2C मॉडल में प्रवेश
तकनीकी सुधार और AI का इस्तेमाल
Crizac Limited : रिस्क फैक्टर
Crizac की कमाई कुछ चुनिंदा विदेशी यूनिवर्सिटियों पर काफी निर्भर है. अगर इनमें से कोई भी संस्थान अलग हो गया, तो कारोबार पर बुरा असर पड़ सकता है.
कंपनी अपने एजेंट नेटवर्क पर बहुत निर्भर है. अगर ये एजेंट कंपनी छोड़ दें, तो कामकाज और मुनाफा प्रभावित हो सकता है.
Crizac की सफलता विदेशी यूनिवर्सिटियों से साझेदारी पर निर्भर है.
कंपनी कुछ खास संस्थानों को मार्केटिंग और एडमिशन सेवाएं देती है.
कंपनी का प्रदर्शन उन संस्थानों की छवि और कोर्स की क्वालिटी पर भी निर्भर है.
कंपनी की कमाई कुछ खास देशों तक सीमित है.
कंपनी के आउटलुक पर ब्रोकरेज हाउस
SBI Securities के अनुसार Crizac का इंटरनेशनल हायर एजुकेशन कंसल्टेंसी क्षेत्र में मजबूत दबदबा है. कंपनी ने अलग-अलग देशों में विस्तार करके अपने बिजनेस को और मजबूत किया है. इसके साथ ही, दुनिया की जानी-मानी यूनिवर्सिटियों से अच्छे संबंध Crizac के लिए फायदेमंद हैं. कंपनी अब अमेरिका में विस्तार और B2C सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है, जिससे उसकी कमाई और मुनाफा दोनों बढ़ेंगे.
अरिहंत कैापिटल के अनुसार Crizac के पास 173 से अधिक ग्लोबल यूनिवर्सिटीज का नेटवर्क है, जिनमें से 20 टॉप पार्टनर के साथ लंबे समय से रिश्ते हैं. इससे कंपनी की कमाई में स्थिरता बनी रहती है. कंपनी की मार्केटिंग, ब्रांड मैनेजमेंट और एडमिशन सेवाएं उसके साथ जुड़ाव को मजबूत बनाती हैं. 10,000 से ज्यादा एजेंट और 75 देशों में मौजूदगी के साथ, कंपनी बड़े बाजारों में विस्तार के लिए तैयार है.
च्वॉइस ब्रोकिंग के अनुसार कंपनी ने बिना किसी बाहरी फंडिंग के मुनाफा कमाया है, और यूनिवर्सिटी ऑफिस मैनेजमेंट जैसी सेवाएं इसके पार्टनर्स को लंबे समय तक जोड़े रखती हैं. अमेरिका जैसे बड़े बाजारों में विस्तार और छात्रों की बढ़ती संख्या के साथ, ग्रोथ की संभावनाएं मजबूत हैं.
वेंचुरा के अनुसार कंपनी 75 से ज्यादा देशों के छात्रों की एप्लीकेशन्स प्रोसेस करती है. कंपनी की खुद की तकनीकी प्लेटफॉर्म एजेंट्स, छात्रों और यूनिवर्सिटियों के बीच आसान संपर्क बनाता है. कंपनी एजेंट नेटवर्क को और मजबूत कर रही है, नई सेवाएं जोड़ रही है और टेक्नोलॉजी को और बेहतर बना रही है.
(Disclaimer: आईपीओ पर निवेश या न्यूट्रल की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार भी नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)
Source: Financial Express