जेन स्ट्रीट की ट्रेडर्स को ट्रैप करने वाली बाज़ीगर स्ट्रैटेजी, स्टॉक फ्यूचर्स में 1 बिलियन डॉलर का घाटा उठाकर ऑप्शन्स में 5 बिलियन डॉलर कमाए

भारतीय बाज़ारों में बड़े ट्रेडिंग फर्म की नज़रें हैं, वे कैसे बाज़ार में मैन्युपलेशन करके रिटेल इन्वेस्टर्स को फंसाकर उनका पैसा अपनी झोली में डालते हैं, इस बात के कई नमूने तब देखने को मिले,जब सेबी ने जेन स्ट्रीट की बाज़ीगर स्ट्रैटेजी का खुलासा किया. अमेरिकी हेज फर्म जेन स्ट्रीट की भारतीय शेयर बाजार में पैसे बनाने की चाल चली और एक ऐसी स्ट्रैटेजी बनाई, जिसमें रिटेल इन्वेस्टर्स फंस गए और अपने कई रुपए गंवा बैठे.

जेन स्ट्रीट ने भारतीय बाजारों में भारी मुनाफा कमाने के लिए किस तरह से हेरफेर किया, इसकी एक साल की जांच के बाद बाजार नियामक सेबी ने पाया कि फर्म ने इंडेक्स और स्टॉक ऑप्शंस में 43,289.33 करोड़ रुपये (लगभग 5 बिलियन डॉलर) का मुनाफा कमाया, जबकि जानबूझकर Future trading में एक बिलियन डॉलर का नुकसान किया, स्टॉक फ्यूचर्स में 7,208 करोड़ रुपये, इंडेक्स फ्यूचर्स में 191 करोड़ रुपये और कैश इक्विटी ट्रेडिंग में 288 करोड़ रुपये.
जनवरी 2023 से मार्च 2025 तक की जांच अवधि के दौरान जेन स्ट्रीट ने सभी सेगमेंट में 35,500 करोड़ रुपये से अधिक का कुल लाभ कमाया.
सेबी की जांच से जेन स्ट्रीट के संचालन के चौंका देने वाले पैमाने और उनकी स्ट्रैटेजी की गणना की प्रकृति का पता चला. इंडेक्स ऑप्शन कैटेगरी के भीतर निफ्टी बैंक ऑप्शंस ने अकेले 17,319.26 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जो कुल इंडेक्स ऑप्शन मुनाफे का 40% है, जिससे यह जेन स्ट्रीट की हेरफेर रणनीति का मुख्य भाग बन गया.

कैसे जेन स्ट्रीट ने घाटे को बड़े प्रॉफिट में बदल दिया

सेबी के विस्तृत विश्लेषण से पता चता है कि नियामक जेन स्ट्रीट की “इंट्रा-डे इंडेक्स मैनिपुलेशन स्ट्रैटेजी” के जटिल सिस्टम क्या हैं. उदाहरण के लिए, 17 जनवरी 2024 को लें, जब निफ्टी बैंक 48,125.10 के पिछले बंद की तुलना में 46,573.95 पर तेजी से नीचे खुला, कथित तौर पर एचडीएफसी बैंक के परिणामों से बाजार की निराशा के कारण गैप डाउन ओपनिंग हुई, लेकिन जेन स्ट्रीट ने इसमें अवसर देखा.
सुबह के सत्र में जेन स्ट्रीट ने अपनी रणनीति के पहले चरण को अंजाम दिया। फर्म ने निफ्टी बैंक के कंपोनेंट स्टॉक और फ्यूचर में आक्रामक रूप से 4,370.03 करोड़ रुपये की खरीद की, जो “इस पैच के दौरान निफ्टी बैंक के कंपोनेंट में सबसे बड़ा नेट खरीदार बन गया.
एचडीएफसी बैंक को छोड़कर सभी बैंकिंग स्टॉक में जेन स्ट्रीट ने “पूरे बाजार के कारोबार मूल्य का 15-25% योगदान दिया.कोटक महिंद्रा बैंक में जेन स्ट्रीट की 23.21% की तुलना में अगले कॉन्ट्रिब्यूटर्स का योगदान 8.09% थी.

इसके बाद आया मास्टर प्लान

बड़े पैमाने पर खरीद के माध्यम से सूचकांक को कृत्रिम रूप से सहारा देने के दौरान जेन स्ट्रीट ने एक साथ “सस्ते पुट ऑप्शन खरीदकर और महंगे कॉल ऑप्शन बेचकर बहुत अधिक लिक्विडेट निफ्टी बैंक सूचकांक विकल्पों में प्रभावी रूप से 32,114.96 करोड़ रुपये की मंदी की स्थिति बनाई.”
बुने गए सपोर्ट ने जेन स्ट्रीट के लिए अनुकूल कीमतों पर ऑप्शन ट्रेडों में एंट्री करने के लिए एकदम सही पोज़ीशन बनाई, जबकि अन्य बाजार प्रतिभागियों को बूस्ट किये गए सूचकांक स्तरों से गुमराह किया गया.
सेबी के पहले आठ मिनट (सुबह 9:15 बजे से 9:22 बजे) का बारीक विश्लेषण जेन स्ट्रीट के हेरफेर की सर्जिकल सटीकता को दर्शाता है. “इस दौरान निफ्टी बैंक इंडेक्स 46,573.93 से 47,176.97 पर पहुंच गया, जो 600 अंकों से अधिक की बढ़ोतरी है.”
उसी समय जेन स्ट्रीट ने “8,751 करोड़ रुपये का प्रभावी कैश-शॉर्ट निफ्टी बैंक एक्सपोजर” बनाया था, जो कैश और फ्यूचर में उनकी 572 करोड़ रुपये की पोज़िशन से 15 गुना अधिक है.
दोपहर में जेन स्ट्रीट ने दूसरे चरण को उतने की एगेशन के साथ निष्पादित किया. फर्म ने “सुबह की खरीदारी को उलट दिया और डंप कर दिया और निफ्टी बैंक घटक स्टॉक, स्टॉक/इंडेक्स वायदा को 5,372.12 करोड़ रुपये में बेच दिया.

फिर वही हुआ जैसा प्लान किया गया

एक्सपायरी पर निफ्टी बैंक पर परिणामी नीचे की ओर दबाव ने जेएस ग्रुप को निफ्टी बैंक इंडेक्स ऑप्शन सेगमेंट में अपने बकाया शुद्ध शॉर्ट कैश-से काफी लाभ उठाया.
जेन स्ट्रीट ने कैश और फ्यूचर में 61.6 करोड़ रुपये का जानबूझकर ट्रेड लॉस घाटा दर्ज किया, लेकिन निफ्टी बैंक इंडेक्स ऑप्शंस में 734.93 करोड़ रुपये का लाभ कमाया. लगभग 12:1 का रिटर्न रेशो. सेबी ने जेन स्ट्रीट की रणनीति को हेरफेर करने वाली बताते हुए स्पष्ट कहा “जेएस ग्रुप के ट्रेडिंग पैटर्न को जो चीज प्रथम दृष्टया हेरफेर करने वाली बताती है, वह है कंपोनेंट स्टॉक और फ्यूचर बाजारों में उनके हस्तक्षेप की तीव्रता और व्यापक पैमाने, कैश और फ्यूचर में इन बड़े और आक्रामक ट्रेडों को बिना किसी उचित आर्थिक तर्क के तेजी से उलटना, जिससे निफ्टी बैंक इंडेक्स ऑप्शन में भारी मुनाफा कमाया जा सके.

व्यवस्थित पैटर्न

यह कोई एक बार की घटना नहीं थी. विश्लेषण किए गए 15 दिनों में जेन स्ट्रीट ने “निफ़्टी बैंक कंपोनेंट कैश स्टॉक और फ्यूचर बाज़ारों में अपनी गतिविधियों में कुल 199.7 करोड़ रुपये का इंट्राडे ट्रेडिंग घाटा दर्ज किया,” जबकि निफ़्टी बैंक इंडेक्स ऑप्शन में 4,474 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा कमाया.

Source: Economic Times