ब्रोकरेज ने क्या कहा?
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Macquarie ने स्टॉक को अपनी मार्की ‘सेल’ सूची में शामिल किया है. इसके लिए ब्रोकरेज ने स्टॉक पर 1,090 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस दिया है. उसी वक्त, ब्रोकरेज ने एचसीएल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड को अपनी मार्की ‘बाय’ लिस्ट से हटा दिया है और स्टॉक पर 1970 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है.
मैक्वेरी का मानना है कि टेक महिंद्रा को वित्तीय वर्ष 2027 के लिए अपने लक्ष्यों को पूरा करने में कठिनाई हो सकती है. विशेष रूप से, कंपनी को 15 प्रतिशत EBIT मार्जिन तक पहुंचने और रेवेन्यू (टॉपलाइन) वृद्धि में अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में तेजी से बढ़ने में कठिनाई हो सकती है.
वहीं मैक्वेरी एचसीएल टेक्नोलॉजीज के बारे में पॉजिटिव हैं और उनका मानना है कि मध्यम अवधि में कंपनी को मजबूत राजस्व वृद्धि और लाभ वृद्धि हासिल होने की संभावना है, जो इसके अधिकांश प्रतिस्पर्धियों से बेहतर होगी.
हालांकि, मैक्वेरी को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 26 में एचसीएल टेक्नोलॉजीज की प्रति शेयर आय (ईपीएस) वृद्धि कम रहेगी, जो ,सिंगल डिजिट में रहेगी. यह धीमी लाभ वृद्धि उसी बिजनेस की अन्य कंपनियों की तुलना में स्टॉक को हाई वैल्यूएशन (री-रेटिंग) प्राप्त करने से रोक सकती है.
एक्सेंचर ने हाल ही में अपने परिणामों की घोषणा की और कहा कि पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में उसके रेवेन्यू में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
पूरे वित्तीय वर्ष के लिए, एक्सेंचर ने अपनी अपेक्षित रेवेन्यू वृद्धि सीमा को थोड़ा अपडेट करके 6 प्रतिशत से 7 प्रतिशत के बीच कर दिया है, जबकि पहले यह 5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत थी. पिछले साल की तुलना में इसकी ऑर्गेनिक ग्रोथ 3% से 4% रहने की उम्मीद है, जो अब कोविड महामारी से पहले कंपनी के औसत विकास स्तरों के करीब है.
एक्सेंचर को अपने सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स से चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे रेवेन्यू में लगभग 2 प्रतिशत की कमी आ सकती है. इस वजह से, कंपनी ने चालू तिमाही के लिए 1% से 5% तक की कम राजस्व वृद्धि का अनुमान लगाया है.
एक्सेंचर ने तिमाही के लिए जनरेटिव एआई से नई बुकिंग में 1.5 बिलियन डॉलर कमाए, और इसी अवधि के दौरान इसने जनरेटिव एआई से $700 मिलियन का रेवेन्यू अर्जित किया. इसके वित्तीय सेवा प्रभाग ने अच्छा प्रदर्शन किया, जो भारतीय आईटी कंपनियों के लिए एक पॉजिटिव संकेत है, क्योंकि बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएँ और बीमा) उनमें से अधिकांश के लिए सबसे बड़ा बिजनेस सेगमेंट है.
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
Source: Economic Times