इस वजह से मार्केट रेगुलेटर SEBI ने कंपनी के ₹4,844 करोड़ फ्रीज कर दिए हैं और उस कंपनी पर भारत में ट्रेडिंग का बैन कर दिया है. यह भारत में विदेशी फर्म के खिलाफ अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई मानी जा रही है.
आखिर है क्या Jane Street?
Jane Street एक बड़ी विदेशी ट्रेडिंग कंपनी है, जिसकी शुरुआत साल 2000 में न्यूयॉर्क में कुछ ट्रेडिंग और टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स ने मिलकर की थी. आज ये कंपनी दुनिया के 45 से ज्यादा देशों में ट्रेडिंग करती है और इसके पास 2,600 से ज्यादा लोग काम करते हैं. ये कंपनी शेयर मार्केट, बॉन्ड और ऑप्शंस जैसे निवेश के कई जरियों में ट्रेडिंग करती है, लेकिन सबसे ज्यादा इसे ETFs (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स) में एक्सपर्ट माना जाता है. यह अपने फैसले डेटा और कैलकुलेशन के आधार पर लेती है, जिसे ‘क्वांटिटेटिव एनालिसिस’ कहा जाता है. यानी कंपनी कंप्यूटर मॉडल और आंकड़ों की मदद से यह तय करती है कि कब, क्या और कितना खरीदा या बेचा जाए.
Jane Street के ऑफिस अमेरिका, यूरोप और एशिया में हैं. अमेरिका में यह Jane Street Capital और Jane Street Execution Services नाम से काम करती है. यूरोप में UK और नीदरलैंड्स से. जबकि, एशिया में इसका हेडक्वार्टर हांगकांग में है. ये सभी यूनिट एक ही पैरेंट कंपनी Jane Street Group LLC का हिस्सा हैं.
Jane Street ने क्या गलत किया?
Sebi की जांच में पता चला कि Jane Street ने एक योजनाबद्ध तरीके से बाजार को मनिपुलेट किया, ताकि वे इंडेक्स ऑप्शंस से भारी मुनाफा कमा सकें. Sebi के अनुसार, Jane Street ने शेयरों और इंडेक्स की कीमतों को जानबूझकर प्रभावित किया ताकि उनके डेरिवेटिव ट्रेडिंग को फायदा हो. कंपनी पर मुख्य आरोप ‘इंट्रा-डे इंडेक्स मनिपुलेशन स्ट्रेटजी’ पर है. Sebi के मुताबिक, Jane Street ने कैश इक्विटीज, स्टॉक फ्यूचर्स, इंडेक्स फ्यूचर्स और इंडेक्स ऑप्शंस जैसे कई मार्केट सेक्शन में एक साथ ट्रेडिंग की, लेकिन ये ट्रेडिंग मनिपुलेटिव तरीके से की गई.
सुबह के समय कंपनी ने निफ्टी बैंक के स्टॉक्स और फ्यूचर्स को भारी मात्रा में खरीदा, जिससे उनकी कीमतें असल से ज्यादा बढ़ गईं. फिर दिन के अंत में ये पोजीशन्स बेचकर कीमतों को गिरा दिया. इस खरीद-फरोख्त को इस तरह से किया गया कि इंडेक्स की कीमतों को खास समय पर नियंत्रित किया जा सके, जिससे उनके ऑप्शंस पोजीशन्स को फायदा हो. Sebi ने पाया कि Jane Street ‘कंसिस्टेंटली’ बड़े पैमाने पर और ‘कैश इक्विवेलेंट’ के हिसाब से सबसे ज्यादा जोखिम लेकर ट्रेडिंग कर रही थी, खासकर ऑप्शंस एक्सपायरी के दिनों में.
Jane Street ने दलाल स्ट्रीट को कैसे किया प्रभावित?
Sebi के अनुसार, Jane Street ने एक चालाक स्ट्रेटजी अपनाई जिसे ‘मार्किंग-द-क्लोज’ कहा जाता है. इसमें बड़ी ऑप्शंस पोजीशन्स रखने वाली कंपनी एक्सपायरी के ठीक पहले बाजार को अपने पक्ष में तेजी से कर देती है. एक आम दिन में, Jane Street सुबह के वक्त निफ्टी बैंक के स्टॉक्स और फ्यूचर्स की भारी खरीदारी करती थी, जिससे इंडेक्स की कीमतें असली से ज्यादा बढ़ जाती थीं. दूसरे ट्रेडर्स जो केवल निफ्टी बैंक ऑप्शंस में ट्रेड करते थे, वे इस बढ़ी हुई कीमतों को देखकर अपनी ट्रेडिंग करते थे. फिर Jane Street दिन के अंत में अपनी सारी खरीदी गई पोजीशन्स और उससे भी ज्यादा बेच देती थी, जिससे इंडेक्स गिर जाता था.
इस तरह, इंडेक्स उनके फायदे के हिसाब से ऊपर-नीचे होता रहता था और Jane Street अपनी बड़ी ऑप्शंस पोजीशन्स से भारी मुनाफा कमाती थी. Sebi ने बताया कि Jane Street को पता था कि वे जो सुबह खरीदी गई चीजें बेचेंगे, इसलिए दिन के अंत तक निफ्टी बैंक की कीमतें गिरेंगी. लेकिन बाकी ट्रेडर्स को इस बात का पता नहीं था और वे उस समय ट्रेडिंग करते जब इंडेक्स अस्थायी रूप से ऊपर था. इसके अलावा, Sebi ने ‘एक्सटेंडेड मार्किंग-द-क्लोज़’ के भी मामले देखे, जहां Jane Street आखिरी मिनट में इंडेक्स के मुख्य स्टॉक्स की भारी बिक्री करती थी, जिससे इंडेक्स गिरता था और उन्हें अपने शॉर्ट कॉल या लॉन्ग पुट पोजीशन्स से फायदा होता था.
Sebi ने Jane Street के खिलाफ क्या पाया?
जांच में Sebi ने बताया कि Jane Street ने भारत के मार्केट में कुल ₹36,502.12 करोड़ का मुनाफा कमाया. इसमें उनका ये पैटर्न था कि वे कैश इक्विटीज, स्टॉक फ्यूचर्स और इंडेक्स फ्यूचर्स में जान-बूझकर नुकसान उठाकर ऑप्शंस में ज्यादा मुनाफा कमाते थे. Jane Street ग्रुप के विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने ₹32,681 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया, जो उनके भारत में रखे गए निवेश से काफी ज्यादा था. Sebi ने माना कि ये मुनाफा वापस विदेश भेजा गया होगा.
जांच में यह भी पता चला कि Jane Street की भारतीय यूनिट JSI Investments Private Ltd पूरी Jane Street ग्रुप की एक्टिविटी का अहम हिस्सा थी. इस भारतीय कंपनी की आक्रामक ट्रेडिंग का कोई आर्थिक कारण नहीं था सिवाय इसके कि वे इंडेक्स को गलत तरीके से प्रभावित कर रही थीं.
Jane Street के खिलाफ SEBI ने की सख्त कार्रवाई
SEBI ने Jane Street के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है क्योंकि उस पर भारतीय शेयर बाजार में बड़े स्तर पर गड़बड़ी करने का आरोप है. SEBI ने कंपनी के लगभग ₹4,844 करोड़ के मुनाफे को जब्त करने का आदेश दिया है और कहा है कि ये रकम एक खास अकाउंट (एस्क्रो अकाउंट) में जमा कराई जाए, जिस पर SEBI का पूरा नियंत्रण रहेगा. इसके साथ ही Jane Street की सभी कंपनियों को शेयर बाजार में ट्रेडिंग यानी खरीद-बिक्री करने से रोक दिया गया है. इसके अलावा, उनके बैंक, डीमैट और अन्य अकाउंट्स भी फ्रीज कर दिए गए हैं. यानी अब वे बिना SEBI की मंजूरी के कोई पैसा नहीं निकाल सकते.
इतना ही नहीं, अब वे भारत में कोई भी संपत्ति बेच या ट्रांसफर भी नहीं कर सकते. Jane Street को 21 दिन के अंदर SEBI के आदेश के खिलाफ अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा. जब तक SEBI कोई नया फैसला नहीं सुनाता, तब तक ये सभी रोकें लागू रहेंगी. SEBI इस पूरे मामले को बहुत गंभीरता से ले रहा है क्योंकि ये भारत के शेयर बाजार में विदेशी कंपनियों की भूमिका और भरोसे से जुड़ा मामला है.
Source: Economic Times