आइए आसान भाषा में समझते हैं कि Jane Street ने क्या किया और SEBI को कैसे इसकी भनक लगी

SEBI ने अमेरिका की ट्रेडिंग फर्म Jane Street और उसकी तीन सहयोगी कंपनियों को भारतीय बाजार से बैन कर दिया है, और ₹4,843.5 करोड़ की अवैध कमाई जब्त करने का आदेश दिया है. आरोप है कि Jane Street ने Expiry Days (मासिक एक्सपायरी) पर Bank Nifty और Nifty इंडेक्स की क्लोजिंग को प्रभावित करके मोटा मुनाफा कमाया.

आइए आसान भाषा में समझते हैं कि Jane Street ने क्या किया और SEBI को कैसे इसकी भनक लगी.
क्या थी Jane Street की मैनिपुलेशन स्ट्रैटेजी: SEBI के अनुसार, 14 एक्सपायरी दिनों पर Jane Street ने ये पैटर्न दोहराया है.

सुबह के सत्र में:-Bank Nifty Futures भारी मात्रा में खरीदे (long पोजीशन). इसके बाद  Bank Nifty Options भारी मात्रा में बेच (short पोजीशन) दिए.
दोपहर बाद
अचानक भारी मात्रा में Bank Nifty Futures को बेच दिया (profit book या मैनिपुलेटिव सेलिंग). इससे Bank Nifty की क्लोजिंग नीचे आई और Jane Street ने options में मोटा फायदा कमाया.
कैसे किया गया मैनिपुलेशन
दो उदाहरण-17 जनवरी 2024 (Bank Nifty Expiry Day)
सुबह-Futures में ₹4,370 करोड़ की खरीद की है. Options में ₹32,115 करोड़ की सेल की है.
दोपहर बाद-Futures में ₹5,372 करोड़ की बिक्री की.
इससे Net Short Position: ₹46,620 करोड़ की बनी

Intraday Loss (Cash+Futures): ₹61.6 करोड़
Options में Profit: ₹735 करोड़
Net Profit: ₹673.4 करोड़
10 जुलाई 2024 (Bank Nifty Expiry Day)-Futures में ₹2,800 करोड़ की बिक्री की है. Options में ₹44,154 करोड़ की Short Position खड़ी की है.
Profit: ₹225 करोड़
SEBI ने क्या पाया: SEBI के मुताबिक-ये ट्रेड्स “सामान्य ट्रेडिंग नहीं” थे. Jane Street ने “इंडेक्स को प्रभावित करने के इरादे से ट्रेडिंग की”
PFUTP (Prohibition of Fraudulent and Unfair Trade Practices) नियमों का उल्लंघन हुआ. मई 2025 में भी, जब SEBI जांच की खबर आ गई थी, तब भी Jane Street ने-Nifty Expiry के आखिरी 2 घंटों में ₹4,911 करोड़ की खरीद की.
SEBI का एक्शन
Jane Street और इसकी 3 एंटिटीज को भारतीय बाजार से पूरी तरह बैन.₹4,843 करोड़ की अवैध कमाई को जब्त करने का आदेश दिया.इन कंपनियों के बैंक खातों पर डेबिट फ्रीज लगाया गया है.
क्यों है यह मामला महत्वपूर्ण?
भारत के डेरिवेटिव्स बाजार में शुद्धता और पारदर्शिता बनाए रखने की दृष्टि से यह कार्रवाई अहम है. यह पहली बार है जब किसी ग्लोबल हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडर को इस पैमाने पर भारत में रोका गया है. इससे जुड़े कई डोमेस्टिक ट्रेडिंग पार्टनर जैसे Nuvama Wealth, Angel One आदि के शेयरों पर भी असर पड़ा है
निवेशक क्या सीखें?
इंडेक्स पर असामान्य दबाव या भारी उतार-चढ़ाव हमेशा ध्यान देने योग्य होता है. SEBI की कार्रवाई दिखाती है कि अब भारत में बाजार मैनिपुलेशन पर जीरो टॉलरेंस नीति लागू हो चुकी है. संस्थागत निवेशकों और टेक्नोलॉजी आधारित ट्रेडिंग पर सख्त निगरानी बढ़ेगी

Source: CNBC