SBI Subsidiaries: पीएसयू की सब्सिडियरीज होंगी लिस्ट, SBI की सब्सिडियरीज में होगी इनवेस्टर्स की सबसे ज्यादा दिलचस्पी

सरकार की दिलचस्पी सरकारी कंपनियों की शेयर बाजार में लिस्टिंग या उनमें रणनीतिक हिस्सेदारी बेचने में बढ़ी है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि फाइनेंस मिनिस्ट्री ने सरकारी कंपनियों की 15 सब्सिडियरीज और ज्वाइंट वेंचर्स को मीडियम से लॉन्ग टर्म में आईपीओ या स्ट्रेटेजिक सेल्स की संभावनाओं पर विचार करने को कहा है। अभी मार्केट में सेंटीमेंट मजबूत है। इकोनॉमी की सेहत अच्छी है। ऐसे में सरकारी कंपनियों की लिस्टिंग के लिए यह सही वक्त है। लेकिन, एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर सरकारी बैंकों की बात की जाए तो कुछ ही बैंकों की सब्सिडियरीज में इनवेस्टर्स की दिलचस्पी हो सकती है।

SBI की कई सब्सिडियरीज मार्केट लीडर

मुंबई के एक इनवेस्टमेंट बैंकर ने कहा, “हर सब्सिडियरी आईपीओ के लिहाज से अट्रैक्टिव नहीं है। ज्यादातर में मार्केट-फेसिंग स्केल नहीं हैं। कुछ खास तरह की कैटेगरी में ऑपरेट करती हैं। कुछ के ज्वाइंट वेंचर्स स्ट्रक्चर काफी जटिल हैं। ज्यादा संभावना एसबीआई की सब्सिडियरीज में दिखती है।” SBI की कई ऐसी सब्सिडियरीज हैं, जो अपने सेक्टर में मार्केट लीडर हैं। इनमें SBI Mutual Fund, SBI Life, SBI General Insurance और SBI Payment Services जैसी कंपनियां शामिल हैं। इनमें से कई कंपनियां फायदे में चल रही हैं।

एसबीआई म्यूचुअल फंड देश की सबसे बड़ी AMC

SBI की सब्सिडियरी कंपनियों में SBI Mutual Fund सबसे अट्रैक्टिव है। यह इंडिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) है। जून 2025 में इसका एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 11 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा था। एनालिस्ट्स का मानना है कि एसबीआई म्यूचुअल फंड की वैल्यू 96,700 करोड़ रुपये हो सकती है। दूसरी कंपनी SBI General Insurance है। पिछले साल इस कंपनी ने 509 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया था। SBI Payments का मर्चेंट बैंकिंग में दमदार पोजीशन है। हालांकि, इसमें हिस्सेदारी बेचने से पहले इसमें हिताची की 26 फीसदी हिस्सेदारी मामले का समाधान करना होगा।

इन कंपनियों में भी हो सकती है इनवेस्टर्स की दिलचस्पी

ट्रेडजिनी के सीओओ त्रिवेश डी ने कहा, “ये सब्सिडियरी एक दशक से ज्यादा समय से बिजनेस में हैं। लेकिन, इनका स्केल संभावनाओं के मुकाबले कम है।” कुछ और कंपनियां हैं, जिनमें निवेशकों की दिलचस्पी हो सकती है। इनमें IndiaFirst Life, Canara Robeco AMC, Baroda BNP Paribas AMC और Union KBC AMC शामिल हैं। इन कंपनियों के आईपीओ में निवेशकों की अच्छी दिलचस्पी हो सकती है। इसकी बड़ी वजह यह है कि इन कंपनियों के फंडामेंटल्स स्ट्रॉन्ग हैं।

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एसबीआई के शेयरों का बीते एक साल में निगेटिव रिटर्न

SBI के शेयरों में 3 जुलाई को थोड़ी कमजोरी दिखी। शेयर 0.31 फीसदी गिरकर 810 रुपये पर चल रहा था। हालांकि, बीते एक साल में एसबीआई के शेयरों ने निगेटिव रिटर्न दिया है। लेकिन, एनालिस्ट्स का मानना है कि एसबीआई के शेयरों में आगे अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है।

Source: MoneyControl