Vedanta Share Price: एक तरफ घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) ग्रीन जोन में हैं तो दूसरी तरफ दिग्गज माइनिंग कंपनी वेदांता (Vedanta) के शेयर रेड जोन में हैं। इसकी वजह ये है कि वेदांता के जिस डीमर्जर प्रोसेस का लंबे समय से इंतजार हो रहा है, अब सामने आ रहा है कि उसमें अभी थोड़ा और समय लग सकता है। इसके चलते वेदांता के शेयर धड़ाम से गिर गए और इंट्रा-डे में डेढ़ फीसदी से अधिक टूट गया। फिलहाल बीएसई पर यह 1.45% की गिरावट के साथ ₹462.80 पर है। इंट्रा-डे में यह 1.60% की गिरावट के साथ ₹462.10 तक आ गया था।
कहां अटका Vedanta Demerger का रास्ता?
वेदांता के डीमर्जर का रास्ता नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में अटका है। डीमर्जर से जुड़ी सुनवाई में पेट्रोलियम मिनिस्ट्री ने कहा कि डीमर्जर प्रक्रिया को लेकर अपना नजरिया पेश करने के लिए इसे और समय की जरूरत है। हालांकि बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने इसे मंजूरी दे दी है। सेबी ने एनसीएलटी से कहा कि वेदांता का डिमर्जर उसके नियमों के मुताबिक है। एनएसई ने भी डीमर्जर प्लान को एनओसी यानी अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया है। एनसीएलटी की अब अगली सुनवाई 20 अगस्त को है।
तीन वजहों से अधिक नहीं गिर पाएगा वेदांता का शेयर
वेदांता के प्रवक्ता का कहना है कि रणनीतिक ऑर्गेनाइजेशन प्लान को लेकर ग्रुप प्रतिबद्ध है। एनसीएलटी में पेट्रोलियम मिनिस्ट्री के रुझान ने इसके शेयरों पर दबाव बनाया तो है लेकिन तीन ऐसे फैक्टर्स हैं, जिसके चलते इसमें अधिक गिरावट के आसार नहीं दिख रहे हैं।
पहला फैक्टर तो ये है कि डीमर्जर से शेयरहोल्डर्स के लिए वैल्यू अनलॉक होगी। कंपनी की योजना वेदांता को पांच लिस्टेड कंपनी में बांटने की है और वेदांता के शेयरहोल्डर्स को हर शेयर पर अलग होने वाली हर एक कंपनी के एक-एक शेयर मिलेंगे।
दूसरा फैक्टर है कि इसका शेयर फारवर्ड EBITDA एंटरप्राइज वैल्यू के मुकाबले पांच गुने पर ट्रेड हो रहा है।
तीसरा अहम फैक्टर ये है कि यूएस डॉलर इंडेक्स 97 के नीचे बना हुआ है जोकि वेदांता के लिए पॉजिटिव है। यह अमेरिकी डॉलर के लिए वर्ष 1973 के बाद से सबसे खराब वर्ष है। डॉलर की कमजोर आमतौर पर मेटल स्टॉक्स के लिए पॉजिटिव होता है और वेदांता के कारोबार में अधिकतर बेस मेटल्स ही हैं।
कैसी है शेयरों की सेहत?
वेदांता के शेयरों के एक साल में चाल की बात करें तो पिछले साल 16 दिसंबर 2024 को इसके शेयर ₹527.00 के भाव पर थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई लेवल है। हालांकि शेयरों की यह तेजी यहीं थम गई और इस हाई लेवल से करीब चार महीने में यह 31.27% फिसलकर 7 अप्रैल 2025 को यह ₹362.20 के भाव पर आ गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है। अब आगे की बात करें तो इंडमनी पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक इसे कवर करने वाले 15 एनालिस्ट्स में 9 ने इसे खरीदने, 5 ने होल्ड और 1 ने बेचने की सलाह दी है। इसके शेयरों के लिए हाइएस्ट टारगेट प्राइस ₹607 और लोएस्ट टारगेट प्राइस ₹435 है।
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Source: MoneyControl