कहीं आपके पास भी तो नहीं है मेटल सेक्टर का ये PSU स्टॉक, ब्रोकरेज सिटी ने दी है बेचने की सलाह, दी ये चेतावनी

नई दिल्ली: गुरुवार को सुबह के कारोबार के दौरान मेटल सेक्टर की सरकारी कंपनी Steel Authority of India के स्टॉक में तेज़ी देखने को मिली थी. स्टॉक ने 2 प्रतिशत की तेज़ी के साथ 140 रुपये के अपने इंट्राडे हाई लेवल को टच किया. लेकिन बाद में यह स्टॉक लाल निशान के आस-पास ट्रेड करने लगा. ब्रोकरेज फर्म ने इस स्टॉक को बेचने की सलाह भी दी है.

क्या कहा ब्रोकरेज ने?

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटी ने स्टॉक पर ‘सेल’ रेटिंग बनाए रखी है यानी बेचने की सलाह को बरकरार रखा है. हालांकि ब्रोकरेज ने स्टॉक पर अपने टारगेट प्राइस को बढ़ाकर 115 रुपये प्रति शेयर कर दिया है. यह टारगेट प्राइस स्टॉक के पिछले बंद भाव से 16 प्रतिशत की गिरावट का संकेत देता है. इसके अलावा, यह नया टारगेट स्टॉक के 52 वीक हाई लेवल 158 रुपये से 28 प्रतिशत कम है.
सिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसने हाल के प्रदर्शन और कंपनी के मैनेजमेंट द्वारा कही गई बातों को देखने के बाद अपने भविष्य के अनुमानों को बढ़ा दिया है. हालांकि, सिटी को यह भी लगता है कि पहली तिमाही में कंपनी का प्रति टन लाभ (ईबीआईटीडीए प्रति टन) संभवतः अब तक का सबसे अधिक है, और यह मजबूत प्रदर्शन पहले से ही स्टॉक प्राइस में दिख रहा है.

सिटी ने यह भी कहा कि स्टील की कीमतों में और गिरावट आ सकती है, क्योंकि वर्तमान स्थिति में सप्लाई और मांग में संतुलन नहीं है.
प्रति टन मौजूदा प्रॉफिट लेवल (प्रति टन EBITDA) पर, कंपनी के शेयर का वैल्यूड प्राइस (EV) के आधार पर उसके EBITDA से 7 गुना अधिक है. हालांकि, सिटी को उम्मीद है कि स्टील की कीमतें और कंपनी का प्रति टन लाभ दोनों और नीचे जाएंगे, जिससे इसके भविष्य के प्रदर्शन और वैल्यूएशन पर असर पड़ सकता है.

शेयर परफॉर्मेंस

पिछले एक साल में यह 10 प्रतिशत तक गिरा है. लेकिन पिछले 5 साल में इसने 344 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. स्टॉक का 52 वीक हाई लेवल 158.75 रुपये का है, तो स्टॉक का 52 वीक लो लेवल 99.15 रुपये का है. इसक मतलब यह है कि स्टॉक अपने लो लेवल से 38.57 प्रतिशत की तेज़ी दिखा चुका है.

(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)

Source: Economic Times