सेंसेक्स और निफ्टी में गुरुवार की तेज़ी के ये हैं कारण, शॉर्ट सेलर्स को बुल्स ने ऐसे किया ट्रैप, मार्केट में स्पाइक

शेयर मार्केट में गुरुवार को कारोबार की शुरुआत तेज़ी के साथ हुई और पूरे दिन तेज़ी बनी रही. हालांकि मार्केट ओपन होने केबाद निफ्टी ने 24700 का लेवल टेस्ट किया और इसी समय शॉर्ट सेलर्स ने हावी होने की कोशिश की, लेकिन फिर दोपहर 12 बजे बाज़ार में तेज़ी का ऐसा तूफान आया कि केवल 15 मिनट में निफ्टी ने 130 पॉइंट की बढ़त की और शॉर्ट सेलर्स ट्रैप हुए. दिन के अंत में निफ्टी 131 अंकों की बढ़त के साथ 24751 के लेवल पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 444 अंकों की तेज़ी के साथ 81442 के लेवल पर बंद हुआ.

बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी की बढ़त में फार्मा स्टॉक, आईटी स्टॉक और रिलायंस इंडस्ट्रीज में बढ़त देखने को मिली. अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में गिरावट और कमजोर डॉलर ने भी मार्केट के सेंटीमेंट्स को मजबूत किया.
बाज़ार की तेज़ी का आलम यह था कि दोपहर 12.15 बजे के आसपास सेंसेक्स 900 अंक की बढ़त के साथ दिन के हाईएस्ट लेवल 81,911 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 50 ने कुछ समय के लिए 24,899 के लेवल को छुआ.
पीएसयू बैंकों को छोड़कर सभी प्रमुख क्षेत्रीय सूचकांक हरे निशान में रहे. स्मॉलकैप में 1% और मिडकैप में 0.7% की बढ़त दर्ज की गई. इस तेज़ी से बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 3.33 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 448.53 लाख करोड़ रुपये हो गया. इन कारणों से बाज़ार में तेज़ी रही.

कमज़ोर डॉलर और गिरती अमेरिकी बॉन्ड यील्ड

बाजार को कमजोर अमेरिकी डॉलर और गिरते ट्रेजरी यील्ड से समर्थन मिला. डॉलर इंडेक्स 98.879 पर आ गया, जो पिछले दो दिनों में 0.4% की गिरावट को बढ़ाता है. कमजोर डॉलर आमतौर पर विदेशी निवेश को आकर्षित करके और रुपये को सहारा देकर भारत जैसे उभरते बाजारों को लाभ पहुंचाता है.
इसी समय सॉफ्ट इकोनोमिक डेटा ने रेट कट की उम्मीद जगाई, जिसके बाद अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में भारी गिरावट आई. 10 ईयर की ट्रेजरी यील्ड 2.42% घटकर 4.352% रह गई, जबकि 30 साल की यील्ड 1.95% घटकर 4.886% रह गई.

आरबीआई की ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें

शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक के नीतिगत फैसले से पहले निवेशकों की उम्मीद रेट कट को लेकर बनी रही. बाजार में इस उम्मीद से तेजी आई है कि केंद्रीय बैंक लगातार तीसरी बैठक में लेंडिंग रेट में 25 आधार अंकों की कटौती करेगा, जिससे लिक्विडिटी बढ़ेगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.

एफआईआई फिर बने बायर्स

विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) तीन सत्रों की बिकवाली के बाद नेट बायर्स बन गए और 4 जून को 1,076 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी खरीदी. घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने लगातार 12वें दिन खरीदारी जारी रखी और 2,566 करोड़ रुपए के नेट बायर्स बने.

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट

अमेरिकी डेटा में गैसोलीन और डिस्टिलेट इन्वेंट्री में अपेक्षा से अधिक ग्रोथ दिखाए जाने के बाद तेल की कीमतों में लगभग 1% की गिरावट आई, जो कमजोर मांग का संकेत है. इसके अलावा सऊदी अरब द्वारा जुलाई में कच्चे तेल की डिलीवरी के लिए कीमतों में कटौती ने दबाव को और बढ़ा दिया.

Source: Economic Times