भारतीय बैंकों में बढ़ सकती है विदेशी हिस्सेदारी, RBI 15% की लिमिट को बढ़ाने पर कर रहा है चर्चा – सूत्र

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India (RBI) भारतीय बैंकों में विदेशी हिस्सेदारी से जुड़े नियम आसान कर सकता है। RBI विदेशी बैंकों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए विचार कर रहा है। अभी तक भारतीय बैंकों में विदेशी निवेशकों की 15 प्रतिशत तक हिस्सेदारी हो सकती है। हमारे सहयोगी चैनल CNBC-TV18 की EXCLUSIVE खबर के मुताबिक RBI अब 15% की लिमिट को बढ़ाने पर चर्चा कर रहा है। फिलहाल भारतीय बैंक में 5% से ज्यादा विदेशी हिस्सेदारी के लिए RBI की मंजूरी लेना जरूरी है।

इस खबर पर और ज्यादा जानकारी देते हुए CNBC-TV18 की लता वेंकटेश ने सूत्रों के हवाले से कहा कि भारतीय बैंकों में ज्यादा हिस्सा लेने से जुड़े नियम आसान होने की संभावना है। RBI भारतीय बैंकों में FIIs निवेश के नियम आसान कर सकता है। बैंकिंग सूत्र बता रहे हैं कि RBI नियम बदलने पर विचार कर रहा है।

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बैंकों में FIIs निवेश के नियम आसान हो सकते हैं

लता वेंकटेश ने आगे कहा कि विदेशी हिस्सेदारी बढ़ाने के नियम को आसान करने के लिए आरबीआई आंतरिक सहमति बनाने के प्रयास कर रहा है। आंतरिक सहमति बनने के बाद रेगुलेटर बैंक पब्लिक से राय मांग मांगेगा। अभी विदेशी संस्थान भारतीय बैंक में 15% तक हिस्सा खरीद सकते हैं।

FIIs के निवेश की सीमा 15% से ज्यादा बढ़ाने पर चर्चा

लता वेंकटेश ने इस बारे में आगे कहा कि सूत्रों का कहना है कि FIIs के निवेश की सीमा 15% से ज्यादा बढ़ाने पर चर्चा हो रही है। नियमों के मुताबिक किसी भी भारतीय बैंक में 5% से ज्यादा विदेशी हिस्सेदारी के लिए RBI की मंजूरी लेना जरूरी होता है। हाल ही में RBI ने फेयरफैक्स और SMBC को 15% से ज्यादा हिस्सा लेने को मंजूरी दी थी। हालांकि निजी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को बैंकिंग लाइसेंस पर अभी कोई चर्चा नहीं की जा रही है।

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)

Source: MoneyControl