Asian-markets: एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख- लेकिन आज भारतीय बाजारों में क्या होगा आइए जानते हैं

अमेरिका के शेयर बाजार में नए रिकॉर्ड और ट्रंप के टैरिफ से जुड़ी उलझनों के बीच मंगलवार को एशिया-पैसिफिक के बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला. निवेशकों ने रिकॉर्ड वॉल स्ट्रीट रैली और वैश्विक व्यापार तनावों को ध्यान में रखकर पोजिशनिंग की. वहीं, भारतीय बाजारों में आज यानी 1 जुलाई 2025 को ऑटो बिक्री के आंकड़े और विदेशी संकेत मिलकर बाजार को दिशा देंगे. Maruti, Tata Motors, Bajaj Auto जैसे शेयर एक्टिव रह सकते हैं.

पहले एशियाई बाजारों के बारे में जानते है…
चीनी बाजार हल्के दबाव में है-

China का CSI 300 इंडेक्स 0.16% की गिरावट के साथ खुला.लेकिन देश का Caixin/S&P मैन्युफैक्चरिंग PMI जून में 50.4 रहा — अनुमान 49 से बेहतर.
जापान में मुनाफावसूली
Nikkei 225 में 1.1% की गिरावट आई — सोमवार को यह 11 महीने की ऊंचाई पर था.TOPIX इंडेक्स 0.82% टूटा.
साउथ कोरिया में तेजी
Kospi इंडेक्स में 1.71% की जोरदार बढ़त.Kosdaq भी 0.66% चढ़ा.
ऑस्ट्रेलिया में हल्की बढ़त
S&P/ASX 200 इंडेक्स 0.18% ऊपर रहा.
हांगकांग बाजार बंद-पब्लिक हॉलिडे के चलते Hong Kong में ट्रेडिंग नहीं हुई.
अमेरिकी बाजारों में रिकॉर्ड ब्रेकिंग तेजी
S&P 500 6,204.95 पर बंद — नई ऊंचाई.
Nasdaq 20,369.73 पर — नया ऑल-टाइम हाई
Dow Jones 275 अंकों की उछाल के साथ 44,094.77 पर पहुंचा.
टैरिफ की टेंशन
अमेरिका के 90-दिन के टैरिफ ब्रेक की समयसीमा अगले हफ्ते खत्म हो रही है.ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने कहा — “अगर कुछ देश ज़िद पर अड़े रहे तो पुराने टैरिफ दोबारा लग सकते हैं.”

झुका सिर, डिजिटल टैक्स वापस
कैनेडा ने डिजिटल टैक्स हटा लिया जो Google, Meta, Amazon पर लागू होता.ये कदम ट्रंप के धमकी भरे बयान के बाद लिया गया, जिससे ट्रेड डील फिर से पटरी पर आ सके.
मंगलवार सुबह एशियाई घंटों में अमेरिकी स्टॉक फ्यूचर्स हल्के दबाव में दिखे.
निवेशक अब ट्रंप के टैरिफ डेडलाइन, फेड की ब्याज दरों पर संभावित कटौती और कमाई के नतीजों पर फोकस करेंगे.
भारतीय बाजारों की सकारात्मक शुरुआत की उम्मीद
वॉल स्ट्रीट में नए रिकॉर्ड (S&P, Nasdaq) और एशिया के मिक्स्ड संकेतों के बीच भारतीय बाजारों में तेजी से शुरुआत संभव है.
टेक और एनर्जी शेयरों को सपोर्ट
Apple, Meta, Oracle की तेजी के बाद भारत में भी IT और टेक्नोलॉजी शेयरों (Infosys, TCS, HCL) में हल्की खरीदारी दिख सकती है.रिन्यूएबल एनर्जी और ओइल सेक्टर को ट्रंप के बिल और ओपेक+ फैसले से मिले-जुले संकेत मिलेंगे.
लेकिन…
ट्रंप का टैरिफ ब्रेक खत्म होने की कगार पर है. अगर टैरिफ वापस आते हैं, तो ग्लोबल रिस्क बढ़ेगा — जिससे भारतीय बाजारों में भी वोलैटिलिटी आ सकती है.
भारत की ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक इंडस्ट्री के एक्सपोर्ट पर अमेरिका-चीन टैरिफ तनाव का असर पड़ सकता है. कंपनियां जैसे Bajaj Auto, Motherson, Dixon Tech दबाव में आ सकती हैं.
US मार्केट की तेजी और विदेशी निवेशक रुख से भारतीय बैंकिंग शेयरों (SBI, ICICI, HDFC Bank) में मजबूती रह सकती है.
अगर अमेरिका में फेड ब्याज दरें कम करने की राह पर चलता है, तो भारत जैसे उभरते बाजारों में विदेशी निवेश और बढ़ सकता है.
विदेशी संकेत अच्छे हैं, लेकिन टैरिफ और ट्रंप के बिल पर अनिश्चितता के चलते मिड-स्मॉलकैप शेयरों में उतार-चढ़ाव रह सकता है.
ब्रेंट क्रूड 9% टूटा है, जो भारत के लिए पॉजिटिव है, क्योंकि इससे इम्पोर्ट बिल और महंगाई दोनों पर राहत मिलेगी.
भारत में ऑटो बिक्री के आंकड़े और विदेशी संकेत मिलकर बाजार को दिशा देंगे. Maruti, Tata Motors, Bajaj Auto जैसे शेयर एक्टिव रह सकते हैं.

Source: CNBC