IPO Allotment Tips: आपको IPO क्यों नहीं मिलता? निवेश करने से पहले जानिए ये ट्रिक, बन सकता है काम

IPO Allotment Tips And Tricks: जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर बेचती है तो उसे IPO कहा जाता है। कई लोग सोचते हैं कि नाम बड़ा है, सेक्टर अच्छा है तो पैसा लगाओ और मुनाफा पक्का! लेकिन ऐसा सोचकर बिना जानकारी पैसा लगाना खतरा भी बन सकता है ।इसलिए, अगर आप IPO में निवेश करने जा रहे हैं, तो पहले ये खबर पढ़िए। इसमें बताए गए 15 जरूरी शब्द आपके दिमाग का बत्ती जला देंगे, ताकि आप सिर्फ निवेशक ना बनें, समझदार निवेशक बनें।

IPO से जुड़े 15 अहम शब्द

  • DRHP (Draft Red Herring Prospectus) – कंपनी का विस्तृत दस्तावेज जिसमें उसके बिजनेस, वित्तीय स्थिति और जोखिमों की जानकारी होती है।
  • Bid Lot – न्यूनतम कितने शेयरों के लिए आवेदन करना जरूरी है।
  • Fixed Price / Book Building – IPO की कीमत तय करने के दो तरीके।
  • Floor Price / Cut-off Price – शेयर की न्यूनतम और अंतिम कीमत।
  • Issue Size – कंपनी कितने करोड़ के शेयर बेच रही है।
  • Offer For Sale (OFS) – मौजूदा शेयरधारकों द्वारा शेयर बेचने की प्रक्रिया।
  • Oversubscribe / Undersubscribe – जब मांग शेयरों से ज्यादा या कम होती है।
  • Share Allotment – कितने शेयर किस निवेशक को दिए जाएंगे।
  • Demat Transfer – अलॉट हुए शेयर आपके डीमैट अकाउंट में कैसे पहुंचते हैं।
  • ASBA (Application Supported by Blocked Amount) – पैसा तब तक ब्लॉक रहता है जब तक शेयर अलॉट नहीं होते।
  • Listing Date – वह दिन जब कंपनी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होते हैं।
  • Non-Institutional Investor (NII) – वे निवेशक जो रिटेल श्रेणी से बड़े होते हैं लेकिन संस्थागत नहीं।
  • Retail Individual Investors (RII) – आम निवेशक जो 2 लाख तक का आवेदन करते हैं।
  • Qualified Institutional Buyers (QIB) – बैंक, म्यूचुअल फंड जैसे बड़े संस्थागत निवेशक।
  • Anchor Investor – वे निवेशक जिन्हें IPO खुलने से पहले ही शेयर अलॉट किए जाते हैं।

IPO कैसे मिलता है?

अगर आप किसी कंपनी के IPO में हिस्सा लेना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपका एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए। जब IPO खुलता है, तो आप ब्रोकिंग ऐप, बैंक की वेबसाइट या UPI के जरिए आवेदन कर सकते हैं। एक लॉट में कितने शेयर हैं और कितनी कीमत पर मिल सकते हैं, यह जानकारी DRHP में दी जाती है। आप Cut-off Price पर अप्लाई करें तो शेयर मिलने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आपको अलॉटमेंट मिलता है, तो कुछ दिन बाद वो शेयर आपके डीमैट अकाउंट में आ जाते हैं और लिस्टिंग के दिन से आप उन्हें बाजार में बेच या होल्ड कर सकते हैं।

हर किसी को IPO क्यों नहीं मिलता?

IPO में हिस्सा लेने वाले लोगों की संख्या बहुत ज़्यादा होती है, लेकिन शेयरों की संख्या सीमित होती है। जब बहुत ज्यादा लोग अप्लाई करते हैं तो ये ओवरसब्सक्राइब हो जाता है और फिर लॉटरी सिस्टम से अलॉटमेंट होता है। इसका मतलब है कि कुछ लोगों को शेयर मिलते हैं, कुछ को नहीं। अगर आपने आवेदन में गलती की, सही कीमत नहीं चुनी या तकनीकी कारणों से भुगतान फेल हुआ तो आपका आवेदन रिजेक्ट हो सकता है। इसलिए आवेदन करते समय सावधानी रखना और Cut-off Price चुनना समझदारी होता है ताकि शेयर मिलने का चांस बढ़ जाए।

Source: Mint