Share Market Rally: भारतीय शेयर बाजारों में आज 5 जून को लगातार दूसरे दिन तेजी देखने को मिली। मजबूत ग्लोबल संकेतों और RBI की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से निवेशकों का जोश हाई दिखा। बीएसई सेंसेक्स दिन के कारोबार में 850 अंक तक उछलकर 81,911 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी 270 अंकों की तेजी के साथ 24,899 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। विदेशी निवेशकों की खरीदारी से भी बाजार को सपोर्ट मिला है।
निफ्टी पर डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज, ट्रेंट, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, अदाणी पोर्ट्स और इटरनल जैसे शेयरों में 5% तक की तेजी देखने को मिली।
शेयर बाजार में आज की इस तेजी के पीछे 7 प्रमुख कारण रहे-
1. रेपो रेट में की कटौती उम्मीद
RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक शुक्रवार को समाप्त हो रही है और लगातार तीसरी बार रेपो रेट में 0.25% कटौती की उम्मीद जताई जा रही है। अप्रैल में खुदरा महंगाई दर घटकर 3.16% पर आ गई, जो पिछले 6 सालों का सबसे निचला स्तर है। इससे RBI को ग्रोथ को प्राथमिकता देने की छूट मिलती है। RBI को उम्मीद है कि मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान औसत महंगाई दर 4 प्रतिशत के आसपास रहेगी।
2. एशियाई बाजारों में मजबूती
साउथ कोरिया का KOSPI, हांगकांग का हैंगसेंग और चीन का SSE कंपोजिट इंडेक्स हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। हालांकि अमेरिकी बाजार बुधवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए। लेकिन एशियाआई बाजारों में तेजी का रुख रहा, जिससे भारतीय बाजारों को सहारा मिला।
3. विदेशी निवेशकों की खरीदारी
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने बुधवार को भारतीय शेयर बाजारों में 1,076.18 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। यह इस हफ्ते में पहली शुद्ध खरीदारी थी। इस ताजा विदेशी निवेश से बाजार का सेंटीमेंट बेहतर हुआ है।
4. अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड टेंशन में नरमी की उम्मीद
अमेरिका और चीन के बीच नए सिरे से बातचीत की उम्मीद से भी सेंटीमेंट में तेजी आई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच इसी सप्ताह फोन पर बातचीत हो सकती है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव कम होने की उम्मीद है। यह उम्मीद शेयर बाजारों में भरोसे को बढ़ावा दे रही है। इससेपहले ट्रंप ने चीन पर पहले के व्यापार समझौतों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।
5. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.12% गिरकर 64.78 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई। क्रूड की कीमतों में गिरावट आमतौर पर भारत के लिए पॉजिटिव मानी जाती है, क्योंकि अपनी तेल जरूरतों का 80 प्रतिशत से अधिक विदेशों से आयात करता है।
6. US फेड की रेट कट की संभावना
मई में अमेरिका में प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में सिर्फ 37,000 की बढ़ोतरी हुई, जो उम्मीद से काफी कम है। इससे फेडरल रिजर्व पर ब्याज दर घटाने का दबाव बढ़ा है। जियोजित इनवेस्टमेंट लिमिटेड के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा, “अमेरिका का 10-सालों की अवधि वाला बॉन्ड यील्ड घटकर 4.36% पर आ गया है। अमेरिका की धीमी अर्थव्यवस्था के चलते आगे यह और नीचे जा सकता है, जो भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए मीडियम टर्म में फायदेमंद होगा।”
7. ECB से भी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) भी आज अपनी पॉलिसी बैठक में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। कमजोर ग्रोथ और नरम महंगाई के चलते बाजारों को ECB से और राहत मिलने की उम्मीद है, जिससे ग्लोबल स्तर पर जोखिम लेने की भावना मजबूत हुई है।
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Source: MoneyControl