मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव कम होने, एफआईआई की लगातार खरीदारी, अच्छे मानसून पूर्वानुमान, तय समय-सीमा से पहले व्यापार तनाव कम होने और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बाद 27 जून को खत्म हुए लगातार दूसरे सप्ताह में भारतीय शेयर सूचकांक में बढ़त जारी रही। इस हफ्ते बीएसई सेंसेक्स 1,650.73 अंक या 2 फीसदी बढ़कर 84,058.90 पर और निफ्टी 50 525.4 अंक या 2.09 फीसदी बढ़कर 25,637.80 पर बंद हुआ।
ऐसे में बाजार की आगे की दिशा पर बात करते हुए कोटक सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अमोल अठावले ने कहा कि पिछले सप्ताह बेंचमार्क सूचकांकों में तेजी का रुझान देखने को मिला। निफ्टी 2 प्रतिशत ऊपर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स में 1650 अंकों की बढ़त देखने को मिली। सेक्टोरल इंडेक्सों की बात करें तो कैपिटल मार्केट और मेटल इंडेक्सों ने बेहतर प्रदर्शन किया। दोनों में 5 फीसदी से अधिक की बढ़त दर्ज की गई। मजबूत मार्केट सेंटीमेंट के बावजूद, रियलिटी और डिफेंस में मुनाफावसूली रही। रियलिटी 1.80 प्रतिशत नीचे और डिफेंस इंडेक्स में लगभग 1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
उन्होंने आगे कहा,”बीते हफ्ते के दौरान, बाजार ने 25,300/82700 के अहम रेजिस्टेंस जोन को सफलतापूर्वक पार कर लिया और ब्रेकआउट के बाद इसने अपनी तेजी को और बढ़ा दिया। तकनीकी रूप से देखें तो इसने वीकली चार्ट पर, इसने एक लॉन्ग बुलिश कैंडल बनाई है,जो काफी हद तक पॉजिटिव संकेत है। इसके अलावा बाजार ने डेली और इंट्राडे चार्ट पर एक अपट्रेंड कॉन्टीन्यूटी पैटर्न बनाए रख रहा है और वर्तमान में शॉर्ट टर्म एवरेज से ऊपर कारोबार कर रहा है, यह एक पॉजिटिव संकेत है।”
“ट्रेंड-फॉलोइंग ट्रेडर्स के लिए, 25,500-25,300/83300-82700 के स्तर एक अहम रिट्रेसमेंट सपोर्ट ज़ोन के रूप में काम करेंगे। जब तक बाजार इन स्तरों से ऊपर बना रहेगा, तब तक तेजी का रुख जारी रहने की संभावना है। 25,850/84400 बुल्स के लिए तत्काल रेजिस्टेंस स्तर के रूप में काम करेगा। आगे की तेजी में बाजार 26,000/84800 की ओर जाता दिख सकता है।”
“शॉर्ट टर्म के लिए बाजार की बनावट तेजी वाली दिखती है, लेकिन गिरावट पर खरीदारी और तेजी पर बिकवाली ही सबसे अच्छी रणनीति होगी। हालांकि, अगर बाजार 25,300/82700 से नीचे गिरता है, तो तेजी का रुझान कमजोर हो सकता है।”
अठावले ने आगे कहा, “बैंक निफ्टी के लिए, डेली और वीकली चार्ट पर ब्रेकआउट फॉर्मेशन मौजूदा स्तरों से आगे और तेजी आने का संकेत दे रहा है। अल्पावधि में, 57,000-56,700-56,500 अहम सपोर्ट जोन होंगे। जबकि 57,500-57,800-58,200 ट्रेडरों के लिए अहम रेजिस्टेंस स्तर के रूप में काम कर सकते हैं।”
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Source: MoneyControl