क्या है एक्सपर्ट्स का अनुमान
आगे के संकेत देखते हुए, मोतीलाल ओसवाल के सिद्धार्थ खेमका का मानना है कि बाज़ार में एक स्थिर तेज़ी का रुख देखने को मिल सकता है. सेंटीमेंट्स को संस्थागत निवेश के बेहतर होने, अमेरिका-भारत व्यापार समझौते की संभावनाएं, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिक्विडिटी पॉलिसी और औसत से बेहतर मानसून के पूर्वानुमान से मदद मिल रही है.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के नंदिश शाह का मानना है कि छोटी अवधि में निफ्टी की दिशा सकारात्मक बनी हुई है, क्योंकि इंडेक्स अपने प्रमुख शॉर्ट-टर्म मूविंग एवरेज के ऊपर कारोबार कर रहा है.
शाह के अनुसार निफ्टी अब 3 अक्टूबर 2024 को बने डाउनवर्ड गैप ज़ोन 25,640-25,740 में प्रवेश कर चुका है. यदि निफ्टी 25,740 के ऊपर मजबूती से बंद होता है, तो यह 26,000 के अगले मनोवैज्ञानिक और तकनीकी प्रतिरोध की ओर बढ़ने के लिए जरूरी रफ्तार प्रदान कर सकता है. निचले स्तरों की ओर देखें तो 25,317 अब एक महत्वपूर्ण तात्कालिक सपोर्ट लेवल है.
एलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक डे ने सलाह दी कि हाल में आए तेज उछाल के बाद मौजूदा स्तरों पर ‘बाय ऑन डिप्स’ (बाजार में गिरावट पर खरीद) की रणनीति ज्यादा बेहतर है.
उन्होंने कहा कि फिलहाल 25,750-25,800 की रेंज में कोई प्रमुख रेजिस्टेंस न होने की वजह से निफ्टी में इस बीच बढ़त बनी रह सकती है. हालांकि बढ़त की रफ्तार धीमी रह सकती है जिससे 25,800 तक पहुंचने में समय लग सकता है. निचले स्तर पर 25,500 पर सपोर्ट है अगर बाजार इस सपोर्ट से नीचे आता है तो कुछ कंसोलिडेशन देखने को मिल सकता है.
सैमको सिक्योरिटीज के ओम मेहरा ने कहा कि जब तक निफ्टी बैंक इंडेक्स 56,800-57,000 के ऊपर बना रहता है, तब तक इसका ब्रॉड आउटलुक पॉजिटिव बना रहेगा. यदि इंडेक्स 57,500 के ऊपर मजबूती के साथ बंद होता है, तो यह निकट भविष्य में 58,000 की राह खोल सकता है. वहीं नीचे की ओर 55,800 पर शॉर्ट-टर्म सपोर्ट है, जो किसी भी गिरावट पर अहम साबित हो सकता है.
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Source: CNBC