यह मामला नवंबर 2024 में SEC द्वारा लगाए गए आरोपों से जुड़ा है, जिसमें गौतम और सागर अदानी पर अदानी ग्रीन एनर्जी के संबंध में $175 मिलियन के कर्ज जुटाने के दौरान “झूठे और भ्रामक” बयान देने का आरोप है.
भारत से सहयोग की मांग
SEC ने अदालत को बताया कि गौतम और सागर अदानी भारत में हैं और समन उन्हें पहुंचाने के लिए भारत के कानून मंत्रालय से मदद मांगी गई है. अमेरिकी एजेंसी हेग कन्वेंशन के तहत समन भेजने की प्रक्रिया में भारतीय अदालतों के साथ कॉर्डिनेशन कर रही है. मार्च में भारत के कानून मंत्रालय ने गुजरात की एक सेशंस कोर्ट को यह समन भेजा था ताकि वहां से गौतम और सागर अदानी को समन दिया जा सके.
समन अभी तक नहीं पहुंचा
SEC की हालिया फाइलिंग में यह भी स्पष्ट किया गया है कि भारतीय अदालतों ने अभी तक गौतम और सागर अदानी को समन नहीं दिया है. SEC ने अदालत को बताया कि वे इस प्रक्रिया की प्रगति पर अगस्त 11 तक अगली रिपोर्ट पेश करेंगे.
आरोपों का सार
SEC और अमेरिकी न्याय विभाग का आरोप है कि गौतम अदानी और सागर अदानी ने फेडरल सिक्योरिटीज कानूनों का उल्लंघन किया है और अदानी ग्रीन एनर्जी से जुड़ी कारोबारी जानकारी में गड़बड़ी की है. इसके अलावा, उन पर भारत में सोलर एनर्जी ठेकों के लिए रिश्वत देने के भी आरोप लगे हैं, जिनका अदानी समूह ने खंडन किया है.
समूह की प्रतिक्रिया
अदानी समूह ने इन आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि वे सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे. वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि गौतम और सागर अदानी पर अमेरिकी भ्रष्टाचार विरोधी कानून (FCPA) के तहत कोई आरोप नहीं हैं.
आगे की कार्रवाई
अमेरिकी अदालत में इस मामले की सुनवाई जारी है और आने वाले समय में इस मामले में और अपडेट आने की संभावना है. SEC और अमेरिकी न्याय विभाग इस मामले की जांच कर रहे हैं और भारत सरकार से सहयोग प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि समन प्रभावी ढंग से भेजे जा सकें.
Source: CNBC