सरकार के स्वामित्व वाले डिफेंस सेक्टर स्टॉक गार्डन रीच शिपबिल्डर्स (GRSE) के शेयरों में आज 10 प्रतिशत की तूफानी तेजी आई है। इसके शेयर कंपनी की ओर से नार्वे स्थित कोंग्सबर्ग के साथ एक समझौता करने के बाद 52 वीक का हाई लेवल टच किए हैं। बुधवार को मल्टीबैगर स्टॉक GRSE 3,465.50 रुपये के लेवल पर पहुंचकर 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर छुआ, जबकि मंगलवार को 3150.50 के लेवल पर बंद हुए था। बता दें कि पिछले कुछ महीनों से इसमें लगातार तेजी जारी है। साल 2025 में अब तक यह अपने निवेशकों को 100 प्रतिशत से अधिक रिटर्न दे चुका है।
इस खबर के बाद झूमे शेयर
सामने आई जानकारी के मुताबिक, नॉर्वे के कोंग्सबर्ग और GRSE के बीच यह समझौता भारत को ‘मेक इन इंडिया’ के तहत अपना पहला पोलर रिसर्च विसेल (PRV) बनाने में मदद करेगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘GRSE और नॉग्सबर्ग के बीच MoU भारत के शिपब्लिडिंग सेक्टर के लिए एक अहम मील का पत्थर है, क्योंकि इससे PRV के डेवलपमेंट के लिए डिजाइन विशेषज्ञता प्राप्त होगी, साथ ही राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान केंद्र (NCOPR) की जरूरतों को भी ध्यान में रखा जाएगा। इसका इस्तेमाल ध्रुवीय और दक्षिणी महासागर इलाकों में अनुसंधान गतिविधियों के लिए किया जाएगा।’
कोलकाता यार्ड में होगा निर्माण
बता दें कि गार्डन रीच शिपबिल्डर्स (GRSE) के पास युद्धपोत, सर्वे एंड रिसर्च विसेल बनाने का एक अच्छा अनुभव है। जबकि यह पोलर रिसर्च विसेल कोलकाता यार्ड में तैयार किया जाएगा। इसको सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत बनाया जाएगा।
एक महीने में 75 फीसदी भागा शेयर
गौरतलब है कि GRSE के शेयर पिछले एक महीने के दौरान करीब 75 फीसदी का उछाल दर्ज किए हैं, जबकि 6 महीने की अवधि में निवेशकों को 90 फीसदी का रिटर्न मिला है। वहीं, इसका ईयर-टू-डेट (YTD) रिटर्न 100 प्रतिशत से ज्यादा का है। इसके अलावा, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स के शेयर पिछले एक साल में 160 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिए हैं, जबकि पांच साल में निवेशकों को 2050 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न मिला है।
डिस्क्लेमर: ऊपर दिए गए विचार और सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, न कि मिंट के। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच करें।
Source: Mint