भारत में FIIs निवेश बढ़ने की गुंजाइश है। आयोनिक वेल्थ बाई एंजल वन (Ionic Wealth by Angel One) की रिपोर्ट के मुताबिक FIIs भारतीय पोर्टफोलियो को बढ़ा रहे है। साथ ही, मिडकैप की तरफ उनका फोकस बढ़ा है। इस पूरी रिपोर्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि FIIs की भारत की तरफ फिर से वापसी क्यों होगी। इसकी पहली वजह ये है कि भारत में FIIs का निवेश कम है। भारतीय इक्विटी में उनका निवेश 18.8 फीसदी है। वहीं, इमर्जिंग मार्केट (Ex-China) में उनका निवेश 30 फीसदी है। इसी कमी की भरपाई के लिए FIIs भारत की तरफ फिर से रुख करेंगे।
FIIs का कहां कितना निवेश?
FIIs के निवेश की बात करें तो चीन में उनका निवेश 4 फीसदी है। वहीं भारत में उनका 18.8 फीसदी निवेश है। इमर्जिंग मार्केट (Ex-China) में उनका निवेश 30 फीसदी है। वहीं, जापान में उनकी हिस्सेदारी 31.8 फीसदी और तूर्किए में 34 फीसदी हैं। ताइवान में FIIs की हिस्सेदारी 41.6 फीसदी और ब्राजील में 58.2 फीसदी है।
भारत फिर क्यों लौटेंगे FIIs
एंजेल वन की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि FIIs भारतीय पोर्टफोलियो को बढ़ा रहे हैं। निफ्टी कंपनियों में निवेश रिकॉर्ड हाई पर है। लार्जकैप में FIIs का निवेश घटा है। स्मॉल-मिड पर इनका फोकस बढ़ा है। निफ्टी कंपनियों में FIIs के निवेश पर नजर डालें तो साल 2001 में निफ्टी कंपनियां 20 फीसदी में थी लेकिन अब ये टॉप 80 फीसदी में हैं।
लार्जकैप में FIIs का निवेश घटा
लार्जकैप में FIIs का निवेश घटा है। साल 2015 में लार्ज कैप में इनका 80 फीसदी निवेश था जो अब घटकर 76.8 फीसदी पर आ गया है। FIIs का निवेश फंडामेंटल की जगह डॉलर/रुपए पर ज्यादा निर्भर करता है। रुपए की गिरावट से छोटी अवधि में FIIs की बिकवाली बढ़ती है। भारत के पक्ष में अर्निंग ग्रोथ, फेयर वैल्युएशन और मैक्रो स्थितियां तीनों हैं। ऐसे में हमें FIIs की वापसी होती दिखेगी।
FIIs के पसंदीदा थीम
इस रिपोर्ट से पता चलता है कि केमिकल्स,EMS,टेलीकॉम, फाइनेंशियल, इंफ्रास्ट्रक्चर, कंजम्प्शन ग्रोथ और कैपेक्स साइकल FIIs के पसंदीदा थीम हैं।
तिमाही आधार पर चौथी तिमाही में FIIs का एक्सपोजर केमिकल्स में 1.5 फीसदी, टेलीकॉम में 1.5 फीसदी, NBFC (नॉन-लेंडिंग) में 1.2 फीसदी, इंश्योरेंस में 0.8 फीसदी और NBFC (लेंडिंग) में 0.7 फीसदी बढ़ा है। वहीं, सालाना आधार पर देखें तो चौथी तिमाही में NBFC (नॉन-लेंडिंग) में FIIs की हिस्सेदारी 4 फीसदी बढ़ी है। वहीं टेलीकॉम में उनकी हिस्सेदारी 2 फीसदी, EMS में 2.2 फीसदी, रियल एस्टेट में 1.7 फीसदी और इंफ्रा में 0.7 फीसदी बढ़ी है।
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Source: MoneyControl