पारस डिफेंस के शेयर प्राइस में पिछले 6 माह में 70% की तेज़ी देखी गई है. इस स्टॉक में जनवरी 2025 से लगातार बाइंग आई है और दिलचस्प बात यह है कि प्रमोटर्स ने पिछले क्वार्टर में अपनी हिस्सेदारी 57.1% में से 4.6% हिस्सेदारी बेची, जिसे एफआईआई,डीआईआई और रिटेल इन्वेस्टर्स ने मिलकर खरीदा.जब रिटेल इन्वेस्टर्स ने इस स्टॉक में अपनी कुल हिस्सेदारी 36.80% कर ली तो कहना होगा कि पिछले छह माह में आई स्टॉक की अपसाइड रैली को एन्जॉय भी ये इन्वेस्टर्स कर रहे हैं. रिटेल इंवेस्टर्स के लिए असली प्रॉफिट यहीं है, जो पिछले 6 माह में स्टॉक में बना.
दूसरी ओर इंस्टिट्यूशनल स्टेक देखें तो पिछले क्वार्टर में एफआईआई ने इस स्टॉक में अपनी हिस्सेदारी 5.2% से बढ़ाकर 7.3% कर ली है. डीआईआई ने भी अपनी हिस्सेदारी में इज़ाफा किया और 2.2% की हिस्सेदारी ली.
Paras Defence and Space Technologies Ltd के शेयर बुधवार को 4.22% की तेज़ी के साथ 1,696.00 रुपए के लेवल पर बंद हुए.कंपनी का मार्केट कैप 6.84 हज़ार करोड़ रुपए है. लगातार बाइंग से स्टॉक का प्राइस टू अर्निंग रेशो 105.87 हो गया है.
पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की सहायक कंपनी पारस एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ने फ्रांस में स्थित एक प्रमुख यूरोपीय काउंटर-यूएवी कंपनी CERBAIR को अपने CHIMERA 200 सिस्टम एक एडवांस मैन-पोर्टेबल रेडियो फ्रीक्वेंसी डिटेक्शन और न्यूट्रलाइजेशन डिवाइस की 30 यूनिट तक की सप्लाय करने के लिए एक महत्वपूर्ण डील की घोषणा की है.
लगभग 22 करोड़ रुपये (2.2 मिलियन यूरो) का यह समझौता रक्षा विनिर्माण में भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने में एक बड़ा कदम है और 2025 तक वार्षिक रक्षा निर्यात में $5 बिलियन प्राप्त करने के “मेक इन इंडिया” पहल और “रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्धन नीति” लक्ष्य के अनुरूप है.
CHIMERA 200 सिस्टम को ड्रोन और झुंड ड्रोन खतरों के खिलाफ प्राथमिक रक्षा के रूप में डिज़ाइन किया गया है और भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे के स्थलों पर इसका परीक्षण किया गया है. यह मजबूत और अपग्रेड करने योग्य वाइडबैंड डिटेक्शन और न्यूट्रलाइज़ेशन कैपिसिटी,डिप्लॉयमेंट फेसिलिटी और उभरते हुए UAV खतरों के खिलाफ़ अनुकूलन क्षमता प्रदान करता है.
Source: Economic Times