5500 करोड़ रुपये की डील में बजाज फिनसर्व में एसबीआई एमएफ सहित उतरे बड़े विदेशी खिलाड़ी, प्रमोटर्स ने बेचे शेयर

शुक्रवार को हुए एक बड़े शेयर लेन-देन में बजाज फिनसर्व (Bajaj Finserv) में देश-विदेश के बड़े फाइनेंशियल प्लेयर्स ने 5506.07 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस ब्लॉक डील में SBI म्यूचुअल फंड, मॉर्गन स्टेनली, गोल्डमैन सैक्स, जेपी मॉर्गन इंडिया, सिटीग्रुप ग्लोबल, सोसाइटी जनरल, एसबीआई लाइफ, बोफा सिक्योरिटीज और बार्कलेज मर्चेंट बैंक (सिंगापुर) जैसे दिग्गज खरीदार शामिल रहे।

इन सभी संस्थानों ने मिलकर 2.86 करोड़ शेयर या कंपनी की कुल 1.8 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी। ये सभी शेयर 1,925.20 रुपये प्रति शेयर के औसत मूल्य पर खरीदे गए, जिससे कुल डील का मूल्य 5506 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया।
यह हिस्सेदारी बजाज फिनसर्व के प्रमोटर समूह की कंपनियों, बजाज होल्डिंग्स एंड इन्वेस्टमेंट और जमनालाल संस, द्वारा बेची गई। दोनों प्रमोटर संस्थाओं ने समान संख्या में शेयर बेचे। इस लेन-देन के बाद बजाज फिनसर्व में प्रमोटर होल्डिंग 60.64% से घटकर 58.84% रह गई।

शेयर बाजार में इस डील का सकारात्मक असर दिखा और बजाज फिनसर्व के शेयर NSE पर 2.30% की तेजी के साथ 1988.70 रुपये पर बंद हुए।
जेडएफ कमर्शियल व्हीकल कंट्रोल सिस्टम्स इंडिया में भी बड़ा सौदा
इसी दिन एक अन्य ब्लॉक डील में जेडएफ कमर्शियल व्हीकल कंट्रोल सिस्टम्स इंडिया के प्रमोटर वैबको एशिया प्राइवेट लिमिटेड (Wabco Asia Pvt Ltd) ने भी 791.63 करोड़ रुपये में 3.16% हिस्सेदारी बाजार में बेची। कंपनी ने कुल 6 लाख से अधिक शेयर खुले बाजार में 13,191 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर बेचे।
इस सौदे के बाद वैबको एशिया की कंपनी में हिस्सेदारी 63.16% से घटकर 60% रह गई है। इस डील में Franklin बिड़ला सनलाइफ एमएफ, एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ इंश्योरेंस, गोल्डमैन सैक्स (सिंगापुर), सोसाइटी जेनरल और सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स मॉरीशस जैसे निवेशकों ने भाग लिया।
इस खबर के बाद जेडएफ कमर्शियल व्हीकल कंट्रोल सिस्टम्स इंडिया के शेयरों में 4.46% की उछाल आई और NSE पर यह 13,917 रुपये पर बंद हुआ।
इन दोनों बड़े लेन-देन ने न केवल बाजार में हलचल मचाई, बल्कि यह संकेत भी दिया कि भारत के वित्तीय और ऑटो कंपोनेंट सेक्टर में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है।

(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)

Source: Economic Times