11 रुपये के पेनी स्टॉक ने 1 साल में दिया 200% से ज़्यादा का रिटर्न, कंपनी के प्रॉफिट में 55650% की उछाल

नई दिल्ली: सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी Silverline Technologies Ltd के स्टॉक में बुधवार को तेज़ी देखने को मिली. यह तेज़ी इतनी जबरदस्त थी कि स्टॉक में 2 प्रतिशत का अपर सर्किट लग गया और स्टॉक की कीमत 10.61 रुपये पर लॉक हो गई. इस तेजी का कारण यह है कि कंपनी ने अपने क्वार्टर रिजल्ट में जबरदस्त परफॉरमेंस दी है और अपने नेट प्रॉफिट में 55650% की बढ़ोतरी दर्ज की है.

कंपनी का क्वार्टर रिजल्ट

कंपनी ने बताया कि उसका इस क्वार्टर में नेट प्रॉफिट 55650 प्रतिशत बढ़कर 11.14 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि एक साल पहले यह महज 2 लाख रुपये ही था. वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कंपनी का ऑपरेशन से रेवेन्यू बढ़कर 100.08 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में कमाए गए 75 लाख रुपये से 13069 गुना ज़्यादा है.
सिल्वरलाइन टेक्नोलॉजीज़ के मैनेजिंग डायरेक्टर, यकीन जोशी ने कहा कि कंपनी के वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के मज़बूत नतीजे अच्छी रणनीति, अनुशासित संचालन और टेक्नोलॉजी सेक्टर में अपनी प्रमुख खूबियों पर ध्यान केंद्रित करने के कारण आए हैं. उन्होंने आगे कहा कि नतीजे दिखाते हैं कि कंपनी वित्तीय रूप से सतर्क रहते हुए भी विकास कर सकती है, और यह विस्तार, प्रोडक्ट क्वालिटी में सुधार और अपने हितधारकों को निरंतर मूल्य प्रदान करना जारी रखेगी.

वही अगर पिछले तिमाही को देखें तो कंपनी का ऑपरेशन से रेवेन्यू 210 प्रतिशत बढ़कर 100.08 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 32.25 करोड़ रुपये था. नेट प्रॉफिट में भी उछाल देखी गई, जो पिछले क्वार्टर में कमाए गए 44.75 लाख रुपये से 2377 प्रतिशत बढ़कर 11.15 करोड़ रुपये था.

शेयर परफॉरमेंस

हालांकि इस साल तक यह स्टॉक 58 प्रतिशत तक गिरा है, लेकिन पिछले 1 साल में इसने निवेशकों को 208 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. स्टॉक का 52 वीक हाई लेवल 32.75 रुपये है, तो स्टॉक का 52 वीक लो लेवल 3.79 रुपये है.

क्या करती है कंपनी?

सिल्वरलाइन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, जिसे पहले सिल्वरलाइन इंडस्ट्रीज लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, एक वैश्विक कंपनी है जो तकनीकी परामर्श, सॉफ्टवेयर और बिजनेस सॉल्यूशन प्रदान करती है. यह बिजनेस को तेज़ी से बदलते तकनीकी और सांस्कृतिक रुझानों की तरह ही डिजिटल परिवर्तन में ढलने और सफल होने में मदद करती है.

Source: Economic Times