जेनसोल इंजीनियरिंग ने बताया कि दिल्ली-NCR और बंगलुरु में लगभग 4,000 पुरानी इलेक्ट्रिक गाड़ियां लीज के लिए उपलब्ध हैं.
कौन लगा सकता है इनके लिए बोली?
ये इलेक्ट्रिक गाड़ियां पहले Gensol Engineering ने अपनी संबंधित कंपनी Blusmart Mobility को लीज पर दी थीं. Blusmart Mobility की शुरुआत 2019 में टिकाऊ शहरी ट्रांसपोर्टेशन के लिए की गई थी. Gensol Engineering की मुश्किलों के बाद Blusmart के ऑपरेशन पर भी असर पड़ा, और अब एवेरा कैब्स, उबर इलेक्ट्रिक, और एवरेस्ट फ्लीट जैसी कंपनियां इन गाड़ियों को लीज पर लेने की बोली लगा सकती हैं.
मोबिलिटी सेक्टर के एक एक्सपर्ट का कहना है कि शहरी ट्रांसपोर्टेशन में इलेक्ट्रिक कैब के लिए काफी जगह है. जागरूक ग्राहक ऐसी कैब पसंद करते हैं और अच्छी सेवा के लिए अधिक किराया देने को तैयार हैं. मनीकंट्रोल ने ऐसे ही एक एक्सपर्ट के हवाले से लिखा, “हालांकि, गाड़ियों की स्थिति पर भी निर्भर करेगा, क्योंकि अप्रैल से Blusmart का ऑपरेशन बंद है. Gensol Engineering की इलेक्ट्रिक गाड़ियों, खासकर उनकी बैटरी को मेंटेनेंस की जरूरत हो सकती है.”
क्या थी सेबी की कार्रवाई
सेबी ने 15 अप्रैल को Gensol Engineering और इसके प्रमोटरों के खिलाफ अंतरिम आदेश जारी किया, जिसमें कंपनी और प्रमोटरों को सिक्योरिटीज मार्केट में भाग लेने से रोक दिया गया. सेबी ने प्रमोटरों – अनमोल सिंह जागी और पुनीत सिंह जागी – को कंपनी के बोर्ड से हटने का आदेश दिया.
सेबी की शुरुआती जांच में पाया गया कि जेनसोल ने PSU NBFCs – IREDA और PFC – से 977.75 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जिसमें से केवल 663.89 करोड़ रुपये 6,400 इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने के लिए थे.
सेबी ने पाया कि Gensol Engineering ने 6,400 की बजाय केवल 4,704 इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदीं और इसके लिए 567.73 करोड़ रुपये खर्च किए. सेबी ने आरोप लगाया कि बाकी रकम का उपयोग इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने के लिए नहीं, बल्कि प्रमोटरों ने अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए डायवर्ट किया गया.
रेटिंग एजेंसी ICRA ने सबसे पहले कर्ज चुकाने के लिए फर्जी डॉक्युमेंट्स का मुद्दा उठाया था और Care Rating ने भी मार्च में Gensol Engineering को लेकर चिंता जताई थी. जून 2024 में सेबी को शेयर भाव में हेरफेर और फंड डायवर्जन की शिकायत मिली, जिसके बाद जांच शुरू हुई. सेबी के अंतरिम आदेश के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने भी कंपनी की जांच शुरू कर दी है.
Source: CNBC