ऑर्डर बुक बेहद स्ट्रॉन्ग
सोमवार को कंपनी ने बताया कि उसे बीपीटीपी लिमिटेड से 910 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है. इस काम में आवासीय टावरों की मुख्य संरचना, संबंधित क्षेत्रों और एक कम्युनिटी बिल्डिंग का निर्माण शामिल है.
यह कंपनी का कम समय में दूसरा बड़ा ऑर्डर है. शुक्रवार को, उसे मान्यता प्रमोटर्स से एम्बेसी मान्यता बिज़नेस पार्क प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य के लिए 157.26 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला था. दोनों ऑर्डर मिलाकर कुल ₹1,067.26 करोड़ का है, जो कंपनी के कुल मार्केट कैप ₹1,641 करोड़ का लगभग 65% है.
इससे पहले मई में, कंपनी को फिडाटोसिटी होम्स प्राइवेट लिमिटेड से 510 करोड़ रुपये का ऑर्डर भी मिला था. इस प्रोजेक्ट में लगभग 28.3 लाख वर्ग फुट के कुल निर्मित क्षेत्रफल वाला एक विशाल आवासीय परिसर बनाना शामिल है.
कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 का समापन 3,021 करोड़ रुपये की मज़बूत कुल ऑर्डर बुक के साथ किया. यह वित्त वर्ष 2025 में अर्जित राजस्व का 2.16 गुना है, जिसका अर्थ है कि उसके पास अभी भी काफ़ी काम बाकी है. इनमें से ज़्यादातर प्रोजेक्ट्स हरियाणा और कर्नाटक में हैं. प्रोजेक्ट के प्रकार के संदर्भ में, 70% कमर्शियल, 17% रेसिडेंशियल, 8% इंस्टीट्यूशनल (जैसे स्कूल या अस्पताल) और 5% इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित (जैसे सड़क या उपयोगिताएँ) हैं.
भविष्य की ओर देखते हुए, कंपनी मेट्रो और रेलवे के पिछले और वर्तमान कार्यों से प्राप्त अनुभव का उपयोग करके रेलवे परियोजनाओं के लिए बोली लगाना जारी रखना चाहती है. इसकी योजना रेलवे सेक्टर में अपनी भूमिका का विस्तार करने की है और इसका लक्ष्य वित्त वर्ष 26 में अपनी कुल ऑर्डर बुक में सरकारी परियोजनाओं की हिस्सेदारी 25% तक पहुँचाना है, जैसा कि इसके हालिया निवेशक प्रजंटेशन में बताया गया है.
फिलहाल, कंपनी की 93% परियोजनाएँ निजी ग्राहकों से हैं, और केवल 7% सरकारी ग्राहकों से हैं. कंपनी नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपालइन (एनआईपी) के तहत इंफ्रास्टक्चर पर सरकारी खर्च का लाभ उठाकर एक अधिक संतुलित मिश्रण बनाना चाहती है.
रिटेल इंवेस्टर्स की हिस्सेदारी बढ़ी
कंपनी में रिटेल इंवेस्टर्स की हिस्सेदारी बढ़ी है यानी वे लोग जो कंपनी में 2 लाख रुपये तक का निवेश करते हैं. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, मार्च 2025 तक, रिटेल इंवेस्टर्स की कंपनी में 20.81%की हिस्सेदारी थी, जो जून 2025 तक 20.88% हो गई.
Source: Economic Times