1 लाख करोड़ से 5 लाख करोड़ रुपये की वैल्यू वाली कंपनियों के लिए MPS 6,250 करोड़ रुपये और लिस्टिंग के बाद 2.75% शेयर पूंजी होगी, जो अभी 5% है. 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक वैल्यू वाली कंपनियों के लिए कम से कम 15,000 करोड़ रुपये और 1% शेयर पूंजी की पेशकश होगी, जिसमें न्यूनतम 2.5% की हिस्सेदारी शामिल होगी.
MPS के लिए समय सीमा
सेबी ने 25% न्यूनतम सार्वजनिक शेयरहोल्डिंग (MPS) के नियम को पूरा करने की समय सीमा को बढ़ाने का सुझाव दिया है:
- 50,000 करोड़ से 1 लाख करोड़ रुपये की कंपनियां: इन्हें 3 साल की बजाय 5 साल का समय मिलेगा.
- 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कंपनियां: अगर लिस्टिंग के समय सार्वजनिक शेयरहोल्डिंग 15% से कम है, तो 5 साल में इसे 15% और 10 साल में 25%
- करना होगा. अगर लिस्टिंग के समय यह 15% से अधिक है, तो 5 साल में 25% MPS हासिल करना होगा.
रिटेल कोटा बरकरार
सेबी ने पहले 35% रिटेल कोटा को घटाकर 25% करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इसे 35% पर ही रखने का फैसला किया है.
क्यों जरूरी हैं ये बदलाव?
सेबी का कहना है कि ये प्रस्ताव पूंजी निर्माण को बढ़ावा देंगे, कंपनियों के लिए फंड जुटाना आसान करेंगे और निवेशकों को बड़ी लिस्टिंग में हिस्सा लेने का मौका देंगे. इससे बाजार की क्षमता पर ज्यादा दबाव भी नहीं पड़ेगा.
Source: CNBC